बुधवार, 31 जुलाई 2019

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आज फिर से लहराया है... 
उसने;
पर्दों को, दरवाजे पर 
चश्में चिरागों से, रोशन होंगी...
खिड़कियाँ;
आज फिर... देर रात तक 
और ;
कोई होगा,
... जो ...
दूर से देखकर, करेगा एहसास 
ओम के, 
प्रकाश के गुंजन की, थिरकन को 
#सारस्वत 
31072019