मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

राजनीति की निचनीति

 आओ फिर से कोई शाजिश नई मिल कर करते हैं 

आओ बंद के नाम पर भारत को नज़र बंद करते हैं 

तूफ़ानों से खेल जाती है हर बार हौसलों की नाव 

लाओ कुल्हाड़ी इसबार घर में छेद हम ही करते हैं 

मौका मिला जिसको भी यहां उसने ही लूटा देश को 

आओ हम भी सड़कें रोकते हैं धरनाप्रदर्शन करते हैं 

कह दो आस्तीनों के सपोलों से घर से निकलें सभी 

आओ रोज़ कैसे हों नए आंदोलन उनकी बात करते हैं 

चलो इकट्ठा करो चापलूसों को एवार्ड वापसी के लिये   

आओ राजनीति में निचनीति की फसल तैयार करते हैं 

देश हमको अराजक कहने लगा है गद्दार बताने लगा है 

आओ वफादारों का क़िस्सा आज हम तमाम करते हैं  

सबको अपने अपने लिए अलग अलग देश चाहिए 

आओ सब मिलकर के टुकड़ा टुकड़ा मांग करते हैं 

#सारस्वत 08122020 

सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

छल कपट से दूर "न्यूज मीडिया"

श्मशान से लौटा तो भूल गया 
शमशान तक जाना आना
मृतक देह का चिता पर जलाया जाना 
अग्निपतंगों का गगन गमन करना 
देह राख में हुई विलीन 
धुआं आत्मसात हुआ आकाश में 
पुण्यआत्मा का मिलन हुआ परमात्मा में 
और ... 
मैं लौट आया , 
वापस फिरसे इसी मृत्युलोक में 
जातिभेद ऊंचनीच अमीरगरीब 
भेदभाव के जयघोष के बीच में 
पद प्रतिष्ठा के पाखंडी प्रचंड मानदंड 
की अखण्ड जिम्मेदारीयों के साथ में
निराशा की गठरी को किनारे करके 
व्यवहारिक आदमियत के साथ में 
अब मुझे फिर से स्वार्थी बनना था 
जातिभेद ऊंचनीच अमीरगरीब  
के समर्थन में प्रदर्शन करना था 
विरोध के विरोध में अवरोध साथ 
धरना प्रदर्शन सब करना था 
इसलिये टीवी खोलकर बैठ गया 
समाचार समीक्षा बहस देखने लगा 
दंगल में आरपार की नूराकुश्ती देखने लगा 
कौन जात है के व्याख्यान सुनने लगा
सीधी बात दुनिया का डीएनए समझने लगा 
अब सुकून है !!! 
जिंदा होने का एहसास होने लगा है 
लौट आया हूं फिर से ... 
अपनी दुनियां में , अपनो के बीच मे 
धन्यवाद !! !!
छल कपट से दूर "न्यूज मीडिया" 
#सारस्वत 12102020 

सोमवार, 15 जून 2020





















हमारे दिल में जो ' कभी , बड़ी शान से रहते थे 
सुना है आज कल ' वो , बड़े परेशान से रहते हैं 
सुना है आज कल वो ... 
कहना उनसे, मायूस ना हो बदलेगा फिर मौसम 
दोस्त दुश्मन सब ही के लिए , हम दुआ करते हैं 
सुना है आज कल वो ... 
हर मर्ज़ की पुड़िया नहीं होती , पास में हकीम के 
दर्दे गम की दवा 'दुनियां, को हम आज भी देते हैं 
सुना है आज कल वो ... 
जब दिल करे चले आना , बेझिझक बेतकल्लुफ़ 
रहते थे जिधर कल ' हम , वहीं आज भी रहते हैं  
सुना है आज कल वो ... 
#सारस्वत 15062020 

शुक्रवार, 15 मई 2020

#जो_जहां_हैं_वहीं_रहें_जीवन_है_जरूरी




रास्तों के पास में होती है
मंजिलों को पार करने की मंजूरी
चले जा रहे दिन रात
इसीसोच के साथ करते जो मजूरी
मोदीजी ने तो विनती की थी जोड़कर
सुना नहीं या सुनना चाहा नहीं
ऐसी भी क्या थी मजबूरी

शनिवार, 9 मई 2020

माँ ... ध्यानयोग में चिरंजीवी विश्वात्मा !!!

ध्यानयोग में ही प्रेमयोग है
प्रेम योग में ही है साधना
साधना की आराधना में
स्वंभू समाहित है सौंदर्य कमल
एवं ऋतू चिरंजीव है विश्वात्मा
प्रेम के सरोवर में चाव ही चाव हैं
रस रसायन के भाव ही भाव हैं
प्रेम की परकोटि का रंग केसरी
प्रेम की परदक्षणा में भाव की पताका
एवं दशोदिशा चिरंजीव है विश्वात्मा
प्रेम के ताव में ओढ है ना प्रौढ़ है
 उन्मुक्त आकाश का ग्रह निवास है
प्रेम की सरीता में हैं उच्छल तरंगें
अर्पण से समर्पण तक स्वप्निल
अमिट अटल चिरंजीव है विश्वात्मा

सोमवार, 4 मई 2020

खैर से हूं ...


#
गुजर जाता है
आधा लम्हा आँखों में
आधा लम्हों को ढूंढ़ने में
सलामत हूँ , खैर से हूं  ...
लगा हूँ ,
दोस्तों की खैर मांगने मेंⅱ

मिलकर भी ,
मिलते नहीं हो कभी
कैसे हो , 
खैरियत बताते नहीं कभी
गलती ,
हुई क्या कोई बड़ी  ...
हम से दुआ मांगने मेंⅱ

नराज़गियां ,
तो चलती रहेंगी
जब तलक है ये ज़िंदगी
शिकायते ,
कम नहीं हो जायेंगी
वक्त ,
खुदसे दो घड़ी का  ... 
हमारे लिए मांगने मेंⅱ

तबियत ,
जानने का हक  ...
हम भी नहीं रखते क्या 
या फिर तुम ही  ,
हो गए हो मंदिर के देवता
देता नहीं ,
जो प्रसाद कभी 
सीढ़ियों पर मांगने मेंⅱ
#सारस्वत 04052020 

मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

मेरे तरकश में ...

#
कुटिल हुंकार से तेरी ...
डरने वाले हौसले नहीं हैं मेरी नस में ! 
स्वच्छता सजगता सतर्कता ...
निडरता के तीर हैं मेरे तरकश में !!
तू अगर , अड़ियल है कोई तो ...
फिर ' मैं भी तो असल जिद्दी हूँ ! 
तेरी अकड़ तोडना कर्म ही नहीं ...
हठधर्म भी है , मेरे लावाकश में !!
पहले मुझको तो हराओ ...
फिर , घात करना भरतवंशियों पर !
चांडाल ' तेरी हरेक फूं फां का ...
इलाज़ है , मेरे पास कमरकस में !!
चीनांशुक विष रोग कोइ ...
मेरे देश को यूँ ही नहीं गला सकता !
चरक की संतान हैं हम ..
खूब जानते हैं ,द्रोही को करना वश में !!
#सारस्वत 
 21042020

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

राष्ट्रभाव को जीवित रखिये ...


#
भाव को जीवट रखिये स्वभाव को जीवित रखिये  
मृदंग की टंकार में भी धनुर्भाव को जीवित रखिये 
लक्षित रहे मन एकाग्रता रक्षित हो धर्म संस्कृति 
संरक्षित रहें उत्कीर्णे हृत्पिंडताव को जीवित रखिये
स्वच्छता शुंडी शुद्धता संग सुचिता सिद्धि समग्रता 
पुण्यता पवित्रता गर्वित समभाव को जीवित रखिये 
जीवन यात्रा है सरल तरल गरल जलधारा के जैसी   
प्रण प्राण जीव आत्मा में मनुर्भाव को जीवित रखिये 
शिष्टता की महत्ता एवम विशिटता की समग्रता 
मेघाशक्ति जागृति शतशक्तिभाव को जीवित रखिये
कर रहा छल का नीरद कालानाग द्रव्यपीप की हुंकार 
जन एकता अखंडता के प्रादुर्भाव को जीवित रखिये
कूटकपट गुप्तदल वर्तमान में संलिप्त हैं षड्यंत्र में 
पट नयन बिंदु खोल कर राष्ट्रभाव को जीवित रखिये 
#सारस्वत 
16042020  

मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

भीगे हुए खत ...

तुम्हें ...
रुकने को किसने कहा है
मैने तो नहीं ...
चलते रहो चलते चलो
ख्यालो के साथ में
सवालों के साथ में
जब तलक
मिल ना जाये जवाब
या फिर मैं !!!
रुकना नहीं कहीं
अटकना नहीं
विचारों का सरोवर गहरा है
तुम्हारे बिना भेजे
खत़ की तरहा !!!
कभी पढ़ कर देखो
पलकों से गिरी
बूंदों की तड़प को
महसूस कर सको तो ...
कभी ,
कंकर ही फैंक कर देखो
मन के सरोवर में
मिल जाएंगे मसले हुए जवाब
तुम्हें ...
भीगे हुए खतों में ही कहीं !!!
#सारस्वत 01042020

शुक्रवार, 20 मार्च 2020

निर्भया ...



उस काली रात के बाद  ...
आज आखिर सुबह हो गयी
देर से ही सही...
निर्भया को न्याय मिल ही गया
सभी ने आंसू पोंचे ...
मैलोडी कानून का शुक्र मनाया 
और कहने लगे ...
भगवान के घर देर है मगर अंधेर नहीं है
उसने भी सुकून की सांस ली 
और चैनल को बदलकर गाना सुनने लगा 
तू घंटा लेकर जाएगा
अपना टाइम आएगा अपना टाइम आएगा
सालो के तनाव के बाद
आज वह भी बहुत खुश नज़र आ रहा था
शायद इसीलिए 
आज वह जल्दी से रोज़ग़ार पर बैठ गया था 
फ्रॉक सिलने लिये
कलर मैच धागा मशीन पर चढ़ाने के बाद
एकनज़र आईने में खुद को देखा
एक ठंडी आह भरी
फिरसे बुदबुदाने लगा अपना टाइम आएगा
और फिर ... 
सिलाई मशीन की आवाज़ कहकहे में बदल गई
#सारस्वत 20032020 

गुरुवार, 5 मार्च 2020

बोलो शारारारा ‼



#
फर्राटे भर ...
गई फरवरी , मारच की अब है बारी
यहां दहीं भल्ले ...
भांग पकोड़ी गुंजियों की सब तैयारी
खट्टी मिट्ठी तीखी मिर्ची ...
पोरी पोरी ' नैन कटोरी चटकारे सी प्यारी
अरे ,
तू भी आजा
यार शामली भर रंग की पिचकारी
बोलो शारारारा ... बोलो बोलो शारारारा ,
बोलो शारारारा 
मौसम मस्त महीना फागुन ..
नीलापिला हरागुलाबी रंग सब फागुनी होली
जान लगाके जान लडाले ...
भरम भरम में चैन चुरवे रंग बरसावे बोली
नगर नगाड़े ढोल ढमक्के
करैं नैन मटक्के चलती भर भर टोली
बलम संग ,.
साजन सज्जन तग्गन फग्गन सब खेलैगें होली
बोलो शारारारा ... बोलो बोलो शारारारा ,
बोलो शारारारा 

सभी को होली महापर्व की
अग्रिम बधाई शुभकामनाये 🌸🌸🌸

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020

देव दर्शन

Image may contain: 2 people, people smiling, possible text that says 'शुभदिनसुन्दरहो सारस्वत वह परमेश्वर थे जिन कंधों पर देव दर्शन हम करते थे वही परमेश्वर थे जिन कंधों पर हम बैठकर दर्शन करते थे धरती के साक्षात महादेव पिता को समर्पित हरहरमहादेव'#
बचपन था हम छोटे थे
मनके सच्चे हम बच्चे होते थे
तब भीड़ बड़ी सारी होती थी
जब मंदिर दर्शन को जाते थे
हम बच्चे छोटे से होते थे
घुटनों तक पिताजी के आते थे
चढ़ पिता के कंधों पर ,तब'
देव दर्शन हम करते थे
वो भुलाबिसरा बचपन का पल
नहीं किंचित भी तब भान हुआ
किन कन्धों पर हम होते थे
जब जयकारे हम करते थे
वही ईश्वर थे , परमेश्वर थे
चढ़ जिन कंधों पर
देव दर्शन हम करते थे
वही परमेश्वर थे जिन कंधों पर
हम बैठ के दर्शन करते थे
धरती के साक्षात महादेव
पिता को समर्पित
हरहरमहादेव
#सारस्वत 06022020

शुक्रवार, 31 जनवरी 2020


आस है एहसास है
जीवन का विश्वाश है ख़ुशी
खुशी का मोल नहीं
जीवन की प्यास है खुशी
मिल जाय तो
बिना माँगे मोती सी मिल जाये
ना मिले तो
लाखों में भी ना मिल पाये  खुशी
खुशी का कहीं कोई
घर दर ठिकाना नहीं है
ख़ुशी को गम नहीं
डर नहीं कोई बहाना नहीं है
अपनों से मिले
खुशी तो दो गुनी हो जाती है
मगर ज़रूरी नहीं कोई
ये बेजरूरी भी आती है
पलकों से छलके तो
बारिश में नहा जाती है
आँसुओं में डुबे तो
चेहरे पर उतर आती है
ख़ुशी से मिल कर
खुशनुमा हो जाती है दुनियां
उदासी भी मुस्कुराती है
तन्हाई भी चहक जाती है
#सारस्वत 31012020