शुक्रवार, 31 जनवरी 2020


आस है एहसास है
जीवन का विश्वाश है ख़ुशी
खुशी का मोल नहीं
जीवन की प्यास है खुशी
मिल जाय तो
बिना माँगे मोती सी मिल जाये
ना मिले तो
लाखों में भी ना मिल पाये  खुशी
खुशी का कहीं कोई
घर दर ठिकाना नहीं है
ख़ुशी को गम नहीं
डर नहीं कोई बहाना नहीं है
अपनों से मिले
खुशी तो दो गुनी हो जाती है
मगर ज़रूरी नहीं कोई
ये बेजरूरी भी आती है
पलकों से छलके तो
बारिश में नहा जाती है
आँसुओं में डुबे तो
चेहरे पर उतर आती है
ख़ुशी से मिल कर
खुशनुमा हो जाती है दुनियां
उदासी भी मुस्कुराती है
तन्हाई भी चहक जाती है
#सारस्वत 31012020