गुरुवार, 8 सितंबर 2016

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   कोख के आंगन में
   ममता के प्रांगण में
   एक अँकुर उगता है
   उसका नाम है प्यार 


   यौवन की दहलीज़ पर
   दिल की ज़मीन पर
   एक अंकुर उगता है
   उसका नाम है इश्क़ 


   वात्सल्य के आँचल में
   ज़िन्दा एहसास है प्यार
   और  ...
   मोहब्बत की बिसात पर
   हवस की जात है इश्क़
   #सारस्वत
   28082015  

सोमवार, 5 सितंबर 2016

गुरु दीक्षा से दीक्षित शिष्य ...

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मानव के जीवन में गुरु का क्या महत्व होता हैं
यह किसी से भी छुपा हुआ नही हैं
किसी भी  मनुष्य की प्रथम शिक्षक उसकी माता होती है
गुरु उस कुम्हार की तरह होता है
जो  चाक पर लाठी घुमाकर कच्ची मिट्टी से
घड़े और दीपक दोनों को तैयार करता हैं
दीक्षा से दीक्षित शिष्य उन्नति पथ को प्राप्त करे
गुरु की सफलता इसी में निहित है
गुरु वचनों को आत्मसात करने वाला शिष्य ही
प्यासे को पानी अन्धकार को उजाला प्रदान करता हैं.
स्वस्थ समाज ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता हैं
स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए उसका शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं

















#छात्र के जीवन में गुरू का क्या महत्व होता है
यह हम भीमराव अंबेडकर के जीवनचक्र के
प्रारम्भिक चरण को देखकर बखूबी समझ सकते हैं
डॉ भीमराव बचपन में भीमराव सकपाल महार थे
 लेकिन एक ब्राह्मण शिक्षक महादेव अंबेडकर ने
न केवल उन्हें शिक्षा दी बल्कि दीक्षा में अपनी जाति का नाम दान भी दिया
भीमराव सकपाल के गुरू महादेव अम्बेडकर ने उन्हें
अपना गोत्र प्रदान करते हुए शूद्र से ब्राह्मण बना दिया
और डॉ भीमराव सकपाल डॉ भीमराव अम्बेडकर हो गये
आज शिक्षक दिवस पर मैं
भारत के संविधान लेखक डॉ भीमराव अंबेडकर के गुरु को नमन करता हूँ
जिन्होंने भारतीय परंपरा के उच्च आदर्शों पर चलते हुए
देशहित में एक आदर्श शिक्षक का उदाहरण प्रस्तुत किया
और समाज को डॉ भीमराव जैसा मेधावी छात्र दिया
#सारस्वत
05092016