रविवार, 16 जुलाई 2017

स्वम !! ... यहां पर

#
स्वम को अज्ञानी कहलाने को , कोई तैयार नहीं है यहांपर
मतलब !! ज्ञानी महाज्ञानी , सभी सिद्ध भरे पड़े हैं यहां पर
स्वम  ...
अहंकारी अभिमानी , कभी तुम बोल कर तो देखो किसी को
स्वेच्छा से स्वीकारने को , कोई तैयार नहीं होगा यहां पर
स्वम  ...
स्वाभिमानी बैठे हैं यहां , हर तरफ झूठ का आवरण लपेटे हुए
अपनी मेरी गिनती भी कर लो , कोई नहीं बचा है यहां पर
स्वम  ...
वैसे तो , समझ की समझ को समझना ही समझदारी होता है
लेकिन , यह निर्णय कैसे होगा कौन मानुष कैसा है यहां पर
स्वम  ...
#सारस्वत
16072017 

मंगलवार, 11 जुलाई 2017

नमः शिवाय


#
आरंभ  का प्रारम्भ हूँ मैं , 
अंत का प्राणान्त भी मैं ही हूँ 
जीव का जीवन , जन्म से देह के देहान्तक मैं ही तो हूँ  
नमः शिवाय  ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय 

धड़ भी मैं हूँ घड़ा भी हूँ मैं , 
धैर्य भी मैं हूँ धर्म भी हूँ मैं 
कर्म से मन क्रम वचन तक , कल्याणक भी मैं ही तो हूँ 
नमः शिवाय  ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय 

शक्ति हूँ भक्ति हूँ , 
आदि अनादि भगवंता भी मैं ही हूँ 
सत्य हूँ प्रत्य भी हूँ मैं , कृत्य भी हूँ नृत्य भी मैं ही तो हूँ 
नमः शिवाय  ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय 

देव नहीं महादेव हूँ मैं 
काल कपाल महाकाल हूँ मैं , 
अंतक हितकारी भौ शम्भु स्वंभू शिव शम्भु मैं ही तो हूँ 
नमः शिवाय  ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय 
#सारस्वत 
11072017