शुक्रवार, 27 मार्च 2015

नारायणी नमो:नम:




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सर्व मंगल मांगल्य , सर्वे शक्ति नमो:नम:
सत्या शुधा नित्या गोरी , नारायणी नमो:नम: 

मायातीता ज्योत्स्ना , शान्ता विधा शाश्वती 
महागर्भा जगन्माता ,मुद्रा वरदा सरस्वती
महानिद्रा कालरात्रि ...
महानिद्रा कालरात्रि , श्री कालयोनि नमो:नम:
सत्या शुधा नित्या गोरी , नारायणी नमो:नम:

भक्ति गम्या नित्या सिद्धा , दीक्षा दीप्ता विद्धाधरी
धरा धारा निराधारा , माँ निरन्तरा सर्वेश्वरी
देवदेवी महादेवी ...
देवदेवी महादेवी , मातेश्वरी नमो:नम:
सत्या शुधा नित्या गोरी , नारायणी नमो:नम:

शुन्य संख्या जरातिता , मान्या शोभा धारनी
श्रुति निति मेघा सोम्या , गति शुभ तारनी
अज्या पुज्या रम्या दीक्षा ...
अज्या पुज्या रम्या दीक्षा , यशाश्विनी नमो:नम:
सत्या शुधा नित्या गोरी , नारायणी नमो:नम:

निष्ठां द्रष्टि तुष्टि पुष्टि , अपुर्वमाला श्रीधरा
ऐन्द्री जन्या ईज्या पुर्वा , बुद्धिमता श्रीफला
सुची शुद्धि भक्ति मुक्ति ...
सुची शुद्धि भक्ति मुक्ति , शिव्याशक्ति नमो:नम:
सत्या शुधा नित्या गोरी , नारायणी नमो:नम:
#सारस्वत
14042013

गुरुवार, 26 मार्च 2015

जीने के लिए ...

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एक पैर से भी चलते हैं बहुत से व्यक्ति दुनियां में
मैंने देखे हैं दो पैर वाले अपाहिज़ भी हैं दुनियां में

एक आँख वाले को भी देखा है दुनिया देखते हुए
दोनों आँख वाले अंधे भी देखे हैं मैंने इसी दुनियां में

कर्म के हाथ पैर नहीं होते फिर भी कर्म किर्याशील है
शरीर विचार का भी नहीं होता ये विचार भी है दुनियां में

ज़ुबान कैची सी चलती है तो कुछ के पास होती ही नहीं
पता नहीं चलता जिनका कुछ ऐसे भी होते हैं दुनियां में

सुरज आता है तो दिन का उजाला साथ लेकर आता है
जाते हुए रातरौशनी चन्द्रमाँ को दे जाता है दुनियां में

अविनासी के स्वरूप को मैं दिन रात नमन करता हूँ
जिसने विश्वासी और अविश्वासी बनाये हैं दुनियां में
#सारस्वत
26032015 

सोमवार, 16 मार्च 2015

पता है , फिर भी ...

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कितनी लम्बी है जिंदगी यहां किसको पता है
फिर भी दावा मिलने का रोज़ करते हैं हम
कितनी लम्बी है जिंदगी  ...

मुश्क़िल से मिलती है जिंदगी सबको ही पता है
फिर भी गुनाह पर गुनाह किये जाते हैं हम
कितनी लम्बी है जिंदगी  ...

कितने सच्चे हैं हम सच में सब हमें पता है
फिरभी झूठ कितना अच्छे से बोल लेते हैं हम
कितनी लम्बी है जिंदगी  ...

हम आज भी कच्चे हैं हमें इसका भी पता है
फिर भी बेबाक़ बन कर दिखलाते हैं हम
कितनी लम्बी है जिंदगी  ...
#सारस्वत
12032012

बुधवार, 11 मार्च 2015

शतरंज की बिसात पर













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आज के दौर के हमतुम सब वो अन्धे सिपाही है
सरकलम करके जिनका नेता जी हुऐ शहंशाही है
आज के दौर के  ....
सियासत के गलियारे में क्या ओकात आदमी की
शतरंज की बिसात पर लंगड़ेघोड़े होतेआये धरासाही है 
आज के दौर के  ....
कभी ऊँठ की तिरछी चाल कभी हाथी का सीधा वॉर
जनता मरती है तो मरे नहीं होती कोई सुनवाई है  
आज के दौर के  ....
राजा वज़ीर शहज़ादे कुर्सी कब्जाना सबके इरादे
सत्ता की लड़ाई में हुई जनमानस की ही तबाही है
आज के दौर के  ....
#सारस्वत
05032015

सोमवार, 9 मार्च 2015

यादों के गलियारे में

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जब भी अकेलापन काटने को दौड़ता है मुझे 
सीधा यादों के गलियारे में दौड़ लगाता हूँ
ऐसे वक़्त में वो भी साथ में खड़े होते हैं
जिनकी नजरों में बेक़ारा बताया जाता हूँ

वे दोस्त भी मिल जाते हैं इन गलियों में
जिनका पता नहीं आज किस दुनियां में हैं
हस्ते मुस्कुराते मिलते हैं वे भी यहां पर
जिनसे अब कभी मिलना नहीं चाहता हूँ

यहां का मौसम इशारे मेरे ख़ूब समझता है
बिन बादल बारिश जमकर फिर बरसता है
दिन दोपहरी सर्दी गर्मी पतझड़ क्या सावन
मर्ज़ी का मालिक हूँ सब साथ लेके चलता हूँ  

वैसे तो दुनियां की भीड़ का ही हिस्सा हूँ मैं भी 
लेकिन यादों की गलियों का मैं ही बादशाह हूँ
यहां पर सिर्फ सिर्फ मेरा ही रौब चलता है
जिससे दिल करता है बस उसीसे मिलता हूँ
#सारस्वत

09032015

रविवार, 8 मार्च 2015

नारी के रूप हजारों








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नारी तुम आँचल हो ,ममता का आँगन हो
नारी तुम मंजरी हो , ग्रहणी हो पावन हो

नारी तुम आशा हो , ज्योति हो मोती हो
नारी तुम पृथ्वी हो , भक्ति हो शक्ति हो
नारी तुम कम्पन हो , वामा समर्पण हो
नारी तुम अर्पण हो , नारी तुम दर्पण हो

चंचल हो कंचन हो , करुणा हो रश्मि हो
तरंग हो, पतंग हो , सुरभि सुगंधि हो
नारी तुम सुता हो , तनया हो नंदनी हो
नारी तुम संगनी हो , नारी तुम बंदनी हो

नारी तुम शीतल हो , सरल हो तरल हो
नारी तुम कुम्भी हो , नाभि हो गरल हो
नारी तुम कोमल हो , कामा हो काया हो
नारी तुम माया हो , नारी तुम छाया हो  
#सारस्वत
08032015 

शुक्रवार, 6 मार्च 2015

नत्थू की होली .... बोलो सरारारा ....









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बोलो सरारारा  ....
नत्थू ने दरबार लगाया होली में इस बार
सबसे आगे खड़ा मिला फिर चौरों का सरदार
बोलो सरारारा  ....

परम भक्त जब चला गया करके मूह को काला  
फिर शहर के गुंडे गले मिले और जै बोली सरकार
बोलो सरारारा  ....

चमचों की फौज लगी थी नत्थू के आगे पीछे
ढ़ककन के ढक्क्न खुले हुऐ थे कंठ रहे डकार
बोलो सरारारा  ....

वारंट जिनका कटा हुआ था उस दंगे आरोपी को
लेकर आया सैल्यूट मार कर चौकी का हौलदार
बोलो सरारारा  ....

भीड़ बड़ी थी लाईन लगी थी हमने तो यही सुना है
नत्थू जी बिलकुल चमक रहे थे रंगे हुऐ सियार
बोलो सरारारा  ....
#सारस्वत
06032015 

बुधवार, 4 मार्च 2015

खेलने आयेंगें होली ...













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राधे प्यारी ... कृष्ण मुरारी  ...
खेलने आयेंगें होली  ...
ग्वालों की ले टोली  ...
गोकुल की  ...  कुंज  गलिन से  ...
बरसाने हमजोली  ...
आयेंगें खेलने होली  ...

फागुन के रंग ढंग में  ...
प्रेम से अंग अंग में  ...
केसर के रंग रंग में  ...
संग  ... राधे खेलेंगें होली   ...
श्याम  ...  ग्वालों की ले टोली  ...
जब आयेंगें खेलने होली
#सारस्वत
04032015 

रविवार, 1 मार्च 2015

होली हम जम कर खेलेंगे














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आज की बारिश का सारा पानी
होली खेलने वालो को
पानी की बर्बादी बोलने वाले
नसीहत देने वाले
न्यूज़ चनेल्स के नाम
जितना मर्जी बहस लिए इकठ्ठा करो

खबरदार !!!!

जो हमें समझाने की कोशिश की
और अगर
हमें समझने की हिम्मत है तो
आओ टीवी से निकल के आमने सामने
हम भी देखते हैं
बिना रंग पुताई कराये
नाचे गाये भांग पकोड़ी खाये खिलाये
कैसे जाते हैं सूखे सिकुड़े
तुम्हारे खुद का आइना
तुम्हारी खुद की शक्ल को
पह्चानने से इंकार ना कर दे
तो कहना

होली है रंगों की पानी की
हम खेलेंगे
और जम कर खेलेंगे
आया समझ में
#सारस्वत
01032015