बुधवार, 11 मार्च 2015

शतरंज की बिसात पर













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आज के दौर के हमतुम सब वो अन्धे सिपाही है
सरकलम करके जिनका नेता जी हुऐ शहंशाही है
आज के दौर के  ....
सियासत के गलियारे में क्या ओकात आदमी की
शतरंज की बिसात पर लंगड़ेघोड़े होतेआये धरासाही है 
आज के दौर के  ....
कभी ऊँठ की तिरछी चाल कभी हाथी का सीधा वॉर
जनता मरती है तो मरे नहीं होती कोई सुनवाई है  
आज के दौर के  ....
राजा वज़ीर शहज़ादे कुर्सी कब्जाना सबके इरादे
सत्ता की लड़ाई में हुई जनमानस की ही तबाही है
आज के दौर के  ....
#सारस्वत
05032015

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