सोमवार, 28 अक्तूबर 2013

दोस्त

दोस्त 

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वो
सालों साल बाद मिला था
यार !
बचपन का लंगोटिया यार मेरा
बिलकुल
बराबर में लगा कर के गाड़ी
आज
उसने चौका दिया अचानक से
और
देखते ही एक दूसरे को
सच में
पगला गये हम दोनों उस वक्त
झटाक से
बचपन के किस्से आँखों में तैर गये
झपाक से
वो अपनी अमीरीयत भूल कर
मिला मेरी फटेहाल जिंदगी से
मगर
उसको कुछ जल्दी थी आज
उसको कहीं जाना था जरूरी
शायद
बचपन कि दोस्ती को मिलना था
इसीलिए
रास्ता भूल गया था इत्तेफाक से
फिर मैने उसे
झंडू दलाल के घर का रास्ता बताया
उसने
शाम को फिर मिलने का वादा किया
फिर
हम दोनों एक बार फिर से मुस्कुराये
फुरसत से
बैठ कर बात करने की बोल कर
वो
आखिर रुखसत हुआ मजबूर सा
मैं भी
खड़ा उसे देखता रहा देर तलक
यूँ ही
मायूस निगाहों को ले कर
मेरे पास में
अकेले घर के सिवाए कुछ ओर ठिकाना नही
रफ्तार के
जमाने का कोई सम्पर्क सुत्र मोबाईल नही
वरना
वो अपना नंबर खुद देकर जाता मुझे
मेरे मांगने पर
मना करने कि जरूरत ना पड़ती उसको
आज
खुदगर्जी ने मुझको छोटा कर दिया
मैने
सचमुच दोस्ती को शर्मिंदा कर दिया
#सारस्वत
28102013 

रविवार, 27 अक्तूबर 2013

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कभी तो , सच्ची ख्वाइश की होती 
कभी तो , अच्छा भरोसा किया होता
देखता रहा बस!! , फ़ासले आते हुए 
कभी तो , नेक फैसला लिया होता 
कम तो , ये दूरियाँ भी हो सकती थी 
कभी जो , मुड़ कर देख लिया होता
रास्ता खुद ब खुद बदल सकता था 
गर,अपनों का ख्याल रख लिया होता 
ख्वाबो हकीकत भी हो सकते थे तेरे 
पलकों पर अगर देख लिया होता
मैं तो , हमेशा ही साथ रहा हूँ तेरे
कभी तो पलटके देख लिया होता
#सारस्वत 27102013 

ये तेरा दर्द

ये तेरा दर्द 

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ये तेरा दर्द आईने की शक्ल ले
जाने कब दिल में ही उतर गया

कभी धडकनों में महसुस किया
कभी ख़ामोशीयों में छुआ गया
कभी लब हिलते से दिखाई दिये
कभी शब्दों को बस सुना गया
कभी यादों के झोकें ले आ गया
कभी यादों को संग ले गुज़र गया
ये तेरा दर्द ...

मेरी हसरतों के बीच तेरी चाहतें
मेरी कोशिशे और तेरी साजिशें
मेरे सपनों में उडती तितलियाँ
मेरी तनहाइयों में तेरी ख्वाइशें
मेरी रात फिर खलिश ले गया
मेरा चाँद आज फिर गुजर गया
ये तेरा दर्द ...

चलता चला परछाइयों के साथ
करता रहा बात ख्वाबों के साथ
हल्का सा उतरा सर से नकाब
छलका छिटका पलकों से आब
कभी कदमों में दिल रखता गया
कदमों के निशां भी गिनता गया
ये तेरा दर्द ...

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सारस्वत
27102013

गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013

शुभ संध्या

सूरज को सलामी 















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आसमान में कदमताल करके
जा पहुंचा आरामगाह में आदित्य
सुरज को सलामी दो यारो
कल फिर आएगा शान से
धूप का सेक लेकर
शुभ संध्या
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सारस्वत
24102013

बुधवार, 23 अक्तूबर 2013

मुझे गिला नही कोई
















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मुझे गिला नही कोई 

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उसका मलाल मैं क्या करूं , जो कभी मेरा था ही नही 
जिसको जो अच्छा लगा कैह गया , मुझे गिला नही कोई 

मुट्ठी में बंद करता रहा मैं सपने , अपना समझ कर 
हकीकत की जमीन पर लेकिन , कोई अपना था नही
जिसके काँधे को मैंने रोने को , अपना तकिया समझा
उसके सीने में ना दर्द था मेरे लिए , ना अक्स मेरा कोई

खामखाँ मकां को लेकर लड़ते रहे , वो सब बेमतलबी
दुश्मनी का असल मकसद , जाहिर किया नही कभी
मेरे सीने में खंजर जिसने घोपा , हाथ वो भी मेरे ही थे
ये सिक्को की हिस्सेदारी में , अब सगा रहा नही कोई

बटवारा तो रिश्तों का था , माँ को वो दुनिया रास आई
यतीम हुआ तो मैं ही हुआ , मेरे हिस्से में दिवार आई
मैं टूट कर बिखरा हूँ ऐसे , जैसे बिखरा हो आइना कोई
शाख से टुटापत्ता हो कोई , जैसे माँ बाप रहा ना हो कोई
#सारस्वत
24092013

ज़िन्दगी की राह








ज़िन्दगी की राह 

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ज़िन्दगी की राह में बहुत से मौड़ आयेंगे
जहाँ हमारे खुद के फैंसले ही काम आयेंगे
शरारतें ना हों ज़िन्दगी में तो बेरंगी दुनियाँ
शिकायतें अपनों से ना करेंगे तो किधर जायेंगे
डूबते सूरज का आसमान आजकल अच्छा लगता है
आ सितारों की बज़्म पे ही कोई नज़्म गुनगुनायेंगे
दीवानगी से खेलना शौक कोई अच्छा नही है दिल
चल सुकून ऐ इश्क का इलाज़ किसी आशिक से पाएंगे
ना बना तमाशा ख्वाईशों को तू तमाशबीनों में
जिस्म हुआ कैदखाना अगर घुट घुट कर मर जायेंगे
रोब'ग़ालिब, छोड़ कर अगर जाना पड़े मंजिल के पार  
तबियत की दीवारों को तौड़ कर हम काहीं ना जायेंगे

#सारस्वत
23102013

बेजुबान चिड़िया

बेजुबान चिड़िया  












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मेरे घर की छत पर
रोज़ का आना तेरा
एहसास दिलाता है
आज़ादी
किस चिड़िया का नाम है
मैं तो बस
चारदीवारी का गुलाम हूँ
मैं भी आज़ादी चाहता हूँ
खुले आसमान के नीचे
भयमुक्त जीना चाहता हूँ
दोस्त
तुमसे दोस्ती चाहता हूँ
#सारस्वत
23102013 

वक्त को गुजर जाने दो

वक्त को गुजर जाने दो 

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बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो
समय रोशन फिजा को हो जाने दो










साथ हवाओं के समय चल रहा है
समय बहती नदीयों सा बह रहा है
मुझको किरणों संग बह  जाने दो
बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो

वक्त का काफ़िला दबे पाँव चल रहा
रास्तों को मंज़िल का पता दे रहा है
ठहरो दिल को जरा होश में आने दो
बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो

हर गली मोड़ पे है करिश्मा गज़ब का
महफ़िलों के आँगन का रंग अज़ब का
प्यासे होटों को फिर से तर हो जाने दो
बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो
#सारस्वत
23102013 

मंगलवार, 22 अक्तूबर 2013

थोड़ी सी चाय पत्ती और मैं तुम

थोड़ी सी चाय पत्ती और मैं तुम 

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थोड़ी सी चाय पत्ती शक्कर पानी
दूद बर्तन में और धुप किरणों में
मिचमिचाती आँखों से उडती भाप
ऊष्मा का न्रत्य गरम् हवा के साथ
निगाहें मिलने लगी स्वाद आने लगा
चाय खिलखिलाई दिल मचलने लगा
जाग उठी हसरतें अब जाग उठो तुम
जल उठा मेरा बदन जल उठा तेरा दिन
में तैयार हूँ तुम्हारा धुप का सूप ले कर
मुझे होटों से लगाओ इसको पी जाओ
मैं तो चाय की प्याली हूँ तू ही पीने वाला
सारा दिन चुस्कियों की चुस्की लेने वाला
बस !!
तुम्हारा इतना याद रखना काफी होगा
जो तुझमें समाया मैं तेरा वो हमसाया हूँ
दिली खुशियों का गवाह तेरी मैं रहा हूँ
तेरे हर एक गम में साथ मैं भी रोया हूँ
तुझमें गमें एहसास का समन्दर है तो
मैं तेरे लिए ही खुशियाँ लिये अन्दर हूँ
दोस्त !
तेरी आँखों में रश्क लिए है आंसू झरी है
मेरे अन्जुल में चाह लिए चाय तेरी है
तेरे होसलों में जिन्दा तेरी खुद्दारी है
मेरे दामन में गम ख़ुशी दुनियादारी है
तू भी धड़कन है में भी तो धड़कन हूँ
तू भी बरतन ही है और मैं भी बर्तन हूँ
#सारस्वत
23082012

रावण अभी मरा नही

रावण अभी मरा नही 

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इस बार भी
हर साल की तरहा
रावण दहन की रस्म
पुतला जलाने के साथ 
अदायगी कर डाली
और
पाप के अंत की
चिरइच्छा के साथ
अगले बरस फिर से
रावण जलाने की
मनोंकामना कर डाली
क्योंकि
रावण राज आज भी यथावत है
रावण राज का कैहर भी जारी है
रावण अभी मरा नही
रावण अभी मरा नही
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धर्म की अधर्म पर
विजय का विजय रथ
कल
रामलीला मैदान से
वापस
गोदाम में पहुँच दिया जायेगा
इसे के साथ ही
धर्म को ताला लगा दिया जायेगा
अधर्म
वापस समाज में घुलमिल जायेगा
क्योंकि
रावण राज आज भी यथावत है
रावण राज का कैहर भी जारी है
रावण अभी मरा नही
रावण अभी मरा नही
#
यही
हर साल होता आया है
इस बार भी यही होगा
धर्म की हानि
अधर्म का सत्कार
प्राणियों में
सद्भावना का अभाव
और स्वम का कल्याण
क्योंकि
रावण राज आज भी यथावत है
रावण राज का कैहर भी जारी है
रावण अभी मरा नही
रावण अभी मरा नही
रावण अभी मरा नही
रावण अभी मरा नही
रावण अभी मरा नही
#सारस्वत
13102013

जन्मदिन का दिन


जन्मदिन का दिन 

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आज का ये दिन जन्मदिन का दिन
आज से खुशियाँ चले साथ दिनोदिन
यही कामना मेरी शुभकामओं के साथ
खुशहाल हो जिंदगी खुबसूरत हों दिन
#सारस्वत
22102013

सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

कुछ भी मुश्किल नही

कुछ भी मुश्किल नही 

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कुछ भी मुश्किल नही है हौसलों के सामने
खुद में कुछ कर दिखाने का  जज्बा होना चाहिए
कामयाबी तो झक्क मार कर आएगी सलामी देने
दिल में कुछ कर गुजरने का ज़ुनू होना चाहिए
#सारस्वत
22102013

कामयाबी


कामयाबी 

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कामयाबी अगर आज
दुश्मन की चैक पोस्ट भी है
तो परवाह नही है
होसलों का तिरंगा
पैहले भी लाहोर लहराया है
एक बार फिर से सही
#सारस्वत
21102013

जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी

जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी 

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जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी 
लम्हों की किताब मेरी शायरी 

पहचान का नकाब अपनापन 
खुलता हुआ मिजाज़ बचपन 
तकदीर का बरतन लाजवाब 
जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी 

यादे गजल एहसास की बारात 
हफ्ते दिन महीने वक्ते मेहराब
कलम रोशनाई उजालों का साथ 
जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी 

ख्याल सोना निर्मोल बोल पानी 
बस ! बीस दिन का नुक्सा सारा 
कुछ घीसा कुछ अध्पीसा सा 
जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी 
#सारस्वत 
21102013