सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

छल कपट से दूर "न्यूज मीडिया"

श्मशान से लौटा तो भूल गया 
शमशान तक जाना आना
मृतक देह का चिता पर जलाया जाना 
अग्निपतंगों का गगन गमन करना 
देह राख में हुई विलीन 
धुआं आत्मसात हुआ आकाश में 
पुण्यआत्मा का मिलन हुआ परमात्मा में 
और ... 
मैं लौट आया , 
वापस फिरसे इसी मृत्युलोक में 
जातिभेद ऊंचनीच अमीरगरीब 
भेदभाव के जयघोष के बीच में 
पद प्रतिष्ठा के पाखंडी प्रचंड मानदंड 
की अखण्ड जिम्मेदारीयों के साथ में
निराशा की गठरी को किनारे करके 
व्यवहारिक आदमियत के साथ में 
अब मुझे फिर से स्वार्थी बनना था 
जातिभेद ऊंचनीच अमीरगरीब  
के समर्थन में प्रदर्शन करना था 
विरोध के विरोध में अवरोध साथ 
धरना प्रदर्शन सब करना था 
इसलिये टीवी खोलकर बैठ गया 
समाचार समीक्षा बहस देखने लगा 
दंगल में आरपार की नूराकुश्ती देखने लगा 
कौन जात है के व्याख्यान सुनने लगा
सीधी बात दुनिया का डीएनए समझने लगा 
अब सुकून है !!! 
जिंदा होने का एहसास होने लगा है 
लौट आया हूं फिर से ... 
अपनी दुनियां में , अपनो के बीच मे 
धन्यवाद !! !!
छल कपट से दूर "न्यूज मीडिया" 
#सारस्वत 12102020