सोमवार, 28 अप्रैल 2014

सोचिये


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सोचिये ,
शादी करने से पहले …
सिन्दूर ,
किसके नाम का लगाने जा रही हो ,
बाद में रोना तो ना पड़ेगा   ....
सिन्दूर ,
किस की मांग में लगा रहे हो  …
बाद में पछताना ना पड़ेगा  ,
इतना सोचना तो ,
जरूरी बनता है ना , आखिर  ....
सारी जिन्दगी का मामला है  ,
मांग कोई भी हो ,
मांग की सूरत को जरूर देखिए  ....
वोट डालने से पहले भी ,
सोचिये ,
वोट देने के बाद  ....
आपकी उंगली पर लग़ी स्याही  ....
और माथे पर लगा सिंदूर  …
एक समान होता है  ....
गलत निर्णय से  …
आप नहीं नस्ले पछताती हैं  ....
इसलिए ,
एक बार निर्णय लीजिये ,
देश हित में सोचिये ,
आपके परिवार की फिर  ....
माँ भारती सोचेगी।
जय हिन्द जय भारत।।
"वन्देमारतम्"
#सारस्वत
28042014 

बुधवार, 23 अप्रैल 2014

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जिंदगी तुझ को कभी तो 
खुद को जीना चाहिये 
उम्र हो गई ढोते ढोते 
अब करवट बदलनी चाहिए 
देखले आईने में दोदो सूरतें  
दिखलाई देने लगी हैं 
एक मेरी मुफ्लसी है दूसरी 
तेरी ख़ुशी होनी चाहिए 

#सारस्वत 
23042014

मंगलवार, 22 अप्रैल 2014

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उन्नति आपकी
प्रसिद्धि पिता की
तरक्की आपकी
इज्जत पिता की
इसलिए 
जिंदगी में कभी
खुद के फायदे के लिए
पिता का नाम
बदनाम मत करें
#सारस्वत
22042014

शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014









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देवी तू शक्ति है  नारी कल्याणी है
नारी तू माता है ममता की मूरत है
नारी से ही नर है नारी से जीवन है
नारी तू बेटी है बहन की सूरत है
नारी स्पर्श है योवन है दुआ है
नारी तू धरा है आंसू है आँचल है
नारी तू भक्ति है नारी तू दानी है
नारी अस्तित्व है नारी तू ज्ञानी है
देवी तू शुद्धा है नारी तू नित्या है
नारी तू गोरी है देवी तू सत्या है
#सारस्वत
18042014 

गुरुवार, 17 अप्रैल 2014

"आज को श्रंगार दो"


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जिन्दगी की राह में , ईक ख़ुशी की चाह में
मन का शंखनाद दो , सत्य को आकार दो
बढे चलो बढे चलो , बढे चलो उठा कदम
आज को श्रंगार दो , नव उदय सवांर दो

धुप की तपीश में भी , जोश का उबाल है
करम से अडिग रवि , चल बेमिशाल है
एक पुराणी बात याद , आ रही है यहाँ
करम को जीत लो , हार को धिक्कार दो
आज को श्रंगार दो , नव उदय सवांर दो

बादलों ख्यालों में , पुल बहुत बन चुके
सत्य की धरा पे तुम , कुछ भी न बुन सके
आग को संवाद दो , राग को निखर दो
आज को श्रंगार दो नव उदय सवांर दो

सर उठा के देख तू , काम भरपूर है
चित्त एकचित्त नही , तो उन्नति भी दूर है
ना योग के वियोग को , संयोग का नाम दो
तन को झंकार दो , सिंह सी दहाड़ दो
आज को श्रंगार दो नव उदय सवांर दो
#सारस्वत
16042014


बुधवार, 9 अप्रैल 2014

आओ मतदान करें

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इस समय भारत 
सोलवी लोकसभा के लिए तैयारी कर रहा है 
हम सभी मतदान करने की सोच रहे हैं 
हम सभी भारतीयों के विचारों में भिन्नता हो सकती है 
बोलचाल रहन सहन खानपान में भिन्नता हो सकती है
लेकिन हम सभी भारतीय हैं हमें इस पर गर्व है
अब गर्व को गोवान्वित करने का समय है
सोच विचार कर मतदान करने का समय है
मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है
किसी के दबाव में मत आये
किसी भी पार्टी या नेता के प्रभाव में मत आना
1000 - 500 रुपए के लालच में अपना वोट मत बेच देना
नेताओं से सम्बन्ध फिर कभी बना लेना
इस बार अपने भारत देश से रिश्ता बनाइये
निडर होकर अपना वोट डालें
सच्चे नागरिक का फर्ज पूरा करें
आओ
देश के प्रति
अपनी जिम्मेदारी निभाऐं
मतदान करें
जयहिन्द
जय भारत वन्देमातरम
#सारस्वत

"मतदान करें"


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हर एक वोट निर्णायक है    
निर्णय करें , निर्णायक बनें ,
मतदान करें
राष्ट्र के निर्माण में योगदान करें ,
हर एक वोट जरूरी है ,राष्ट्रनिर्माण करें
मतदान करें
ये वक्त अपनी किस्मत पर रोने का नहीं
किस्मत बदलने का है , किस्मत बदलें
मतदान करें
आपका एक वोट बदलाव ला सकता है
सबसे पहले वोट करें , बाकी फिर काम करें
मतदान करें
छूट जा जाये कोई अकेला , सब को लेकर जाना
ये रूठे का वक्त नही , खुद हक का इस्तेमाल करें
मतदान करें
हिंदुस्तान को चाहिए , आपका सिर्फ एक वोट
अपनी पहचान खुद लिखने का है , आगे बढ़ें
मतदान करें
वोट बहुमूल्य है आपके लिए भी देश के लिए भी
बैठ कर ना बेकार करें , घर से निकलें
मतदान करें
#सारस्वत
09042014

शुक्रवार, 4 अप्रैल 2014

नयी सुबहा का नया सूरज , उजियारा लाने वाला है




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अंत पाप का होने वाला , घोर अँधेरा छटने वाला है
नयी सुबहा का नया सूरज , उजियारा लाने वाला है
*
नए समय की प्रतीक्षा में , जन गण मन व्याकुल है
नई किलकारी सुनने को , हर हिंदुस्तानी आतुर हैं
नये रंग में नए ढंग में , नया सवेरा आने वाला है
नयी सुबहा का नया सूरज  ....
*
बढ़ो हिन्द के वीरो विजय धर्म की होने वाली है
सैनिको के सम्मान की , गरजना होने  वाली है
जय हिन्द का उदघोष , गगन में बस होने वाला है
नयी सुबहा का नया सूरज  ....
*
जितनी ताकत जितना दम है , जोर लगा दो सारा
नमो मंत्र से कमल खिलेगा , तभी भ्रष्टाचार मिटेगा
भारत में निर्भय सरकार , चलाने वाला आने वाला है
नयी सुबहा का नया सूरज  ....
*
#सारस्वत
04042014

मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

मेरा बचपन तेरा जन्मदिन



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आज २ साल का हो गया बेटा 
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय 
लगता है वो पल बस अभी बीता है
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जब तुम आये
ले कर ढेर सारी खुशियाँ
तुमको पाकर
भूल गऐ हम दुःख दर्द अपना
हम सभी चार प्राणी स्वागत में खड़े थे
होड़ लगी थी गोद में लेने की
फिर वक्त जैसे ठहर सा गया
ख़ुशी ने तुमको ख़ुशी से गोद में लिया
और हम सभी ने प्यार आशीष दिया
अब समय
तुम्हारे साथ में चल रहा था
कभी घुटने चल रहा था
कभी लुडक रहा था
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय
याद है तुम्हें
जब तुमने पापा बोला था
पहली बार कोई शब्द बोला था
मम्मी बोलने में दो महीने का वक्त लगा
फिर दी दीदी को बी भैया को बोलने लगा
शब्द दिन के साथ बढ़ने लगे
रोज़ का घूमना आचू की गाड़ी पर होने लगा
इस बीच
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय
अब हमारा घर भी बदल गया है
कुछ दूर हुऐ रिश्ते
कुछ दीवारें पास आ गई हैं
कुछ फूल कलियाँ इधर से उधर होगई
अब स्मृतियों वन में किला करेंगीं
आंगन की फ़िज़ाओं में फ़िलहाल
बचपन की खूशबू बिखरी हैं
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय
लगता है बचपन फिर लौट कर आया है
मेरा बचपन तेरा जन्मदिन
#सारस्वत
01042014