मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

मेरा बचपन तेरा जन्मदिन



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आज २ साल का हो गया बेटा 
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय 
लगता है वो पल बस अभी बीता है
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जब तुम आये
ले कर ढेर सारी खुशियाँ
तुमको पाकर
भूल गऐ हम दुःख दर्द अपना
हम सभी चार प्राणी स्वागत में खड़े थे
होड़ लगी थी गोद में लेने की
फिर वक्त जैसे ठहर सा गया
ख़ुशी ने तुमको ख़ुशी से गोद में लिया
और हम सभी ने प्यार आशीष दिया
अब समय
तुम्हारे साथ में चल रहा था
कभी घुटने चल रहा था
कभी लुडक रहा था
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय
याद है तुम्हें
जब तुमने पापा बोला था
पहली बार कोई शब्द बोला था
मम्मी बोलने में दो महीने का वक्त लगा
फिर दी दीदी को बी भैया को बोलने लगा
शब्द दिन के साथ बढ़ने लगे
रोज़ का घूमना आचू की गाड़ी पर होने लगा
इस बीच
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय
अब हमारा घर भी बदल गया है
कुछ दूर हुऐ रिश्ते
कुछ दीवारें पास आ गई हैं
कुछ फूल कलियाँ इधर से उधर होगई
अब स्मृतियों वन में किला करेंगीं
आंगन की फ़िज़ाओं में फ़िलहाल
बचपन की खूशबू बिखरी हैं
पता ही नही चला कैसे गुजरा ये समय
लगता है बचपन फिर लौट कर आया है
मेरा बचपन तेरा जन्मदिन
#सारस्वत
01042014


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