सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

तुम मेरे हो


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पहली नज़र जिसके घायल है हम ' वो , पहली हसी जिस पे मर गये हम 
जिसका ज़िकर मगरूर दिल ने  किया  ... वही ..वही ..वही ... वही ... तुम मेरे हो 
तुम मेरे हो    .........    तुम ही तुम मेरे हो , वही  .........तुम .... मेरे हो 
वो दिलकश नज़ारा नहीं भूलता , हुआ जब दीवाना मैं पहली दफा  
जबसे देखा तुम्हें है दिल कह रहा   ... या..या..या..रा  ... तुम मेरे हो 
तुम मेरे हो    .........    तुम ही तुम मेरे हो , वही  .........तुम .... मेरे हो 
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करता हूँ मैं रोज़  ... पीछा तेरा ...  मुकम्मल मुलाकात होती नहीं 
सिलजाते हैं लब तुमको देखकर ... कभी कोई बात अपनी होती नहीं 
अरमां था कल तक मिलने का , 
घर अब बसाने की चाहत है 
चाहत से ज्यादा खवाइश नहीं , खवाइश से बढ़कर कुछ भी नहीं 
जिसके लिये दिल में अरमाँ जगे ....... वही  .. वही  .. वही  .. वही... तुम मेरे हो 
तुम मेरे हो    .........    तुम ही तुम मेरे हो , वही  .........तुम .... मेरे हो 
*
मैं आधा अधुरा सा अल्फाज़ था , तुमसे जुड़ा तो गज़ल बन गया 
हँसना तेरा वो पलटना तेरा , नज़र की नज़र का शगल बन गया 
बचकर निकलता था जो रास्ते
निकलने लगा  हूँ उसी राह से 
मुझ मे बसी   ... तू  ,तुझमे हू  ... मै ,  जन्मों जनम का  नाता है ये 
करता है दिल बातें अक्सर  जिसकी ... वही  .. वही  .. वही  .. वही ... तुम मेरे हो 
तुम मेरे हो    .........    तुम ही तुम मेरे हो , वही  .........तुम .... मेरे हो 
#सारस्वत 
06022017 

बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

वसंतपंचमी की हार्दिक शुभकामनाये



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शब्द सर्ग है मर्म है बंध है 
शब्द चिरंजीवी सत्य ब्रह्म है 
शब्द चंचल है उच्छल है कम्पन है 
शब्द चन्दन है वन्दन है स्पंदन है 
शब्द वायु है चिरायु है वेग है तेग है
शब्द शुभाशीष है अनमोल  नेग है 
शब्द प्रभात है प्रभास है प्रताप है 
शब्द अजल है सजल है सरिता है 
शब्द उज्ज्वल है उजाला है कविता है 
शब्द अर्पण समर्पण का तर्पण है 
शब्द मुंडन है मण्डन है खण्डन है 
शब्द चल है छल है चाल है 
शब्द बल है दल है वाचाल है 
शब्द में नेह से स्नेह का सम्बन्ध है 
शब्द में अक्षर अक्षर का प्रबन्ध है 
शब्द ज्ञान है ध्यान है विज्ञानं है 
शब्द आन है तान है प्रमाण है 
शब्द शिव है शक्ति है भक्ति है 
शब्द स्वर है नाद है मुक्ति है 
शब्द घट है घटना है घाट है 
शब्द घात प्रतिघात है आघात है 
शब्द से निकला शब्द सम्वाद है 
शब्द तन्त्र है मन्त्र है स्वतंत्र है 
शब्द पार्थ है पात्र है शास्त्र है शस्त्र है प्रचण्ड है 
शब्द का कोई काटय तो शब्द वो घमण्ड है 
#सारस्वत 
01022017