शुक्रवार, 24 नवंबर 2017
शनिवार, 9 सितंबर 2017
नज़र ...
#
नज़र ने नज़र से नज़र को जो मारा
दिल ही दिल में दिल देके दिल हारा
हटी भी ना थी नज़र हवा में घुल गया
बन कर खुशबु फ़िज़ा में इश्क बेचारा
नज़र ना आये तो धड़कता है ये दिल
जब आया नज़र में धड़कनों ने मारा
इश्क में आशिक ने इश्के ईबादत में
मांगी इतनी सी दुआ हो मिलना दोबारा
ख़ैर की खबर नहीं तो सुकून भी नहीं
नज़र से मिले नज़र तो बदला नज़ारा
#सारस्वत
10092015
रविवार, 3 सितंबर 2017
रिस्ते हुए रिश्ते
रिश्तों में रिश्ते रिसने लगे हैं
पलकों में पलके पीसने लगे हैं
फ़िक्र है फ़िक्र की फिक्रमंद हूँ मैं
नज़र में नज़र के नज़रबंद लगे हैं
दुआ में दुआ सा वो असर अब नहीं
दुआओं की दीवारों पे ज़ाले लगे हैं
ज़िक्र के ज़िक्र में हुआ ज़िक्र ख़ामोश
अक़्स नक्स ज़ुल्फ़ें जब उतरने लगे हैं
दाव पर लगा दी यहां तमाम ज़िन्दगी
दावेदार अभीतक आज़माने में लगे हैं
दिलों में दिलों के अब मोहब्बत नहीं है
धुंये की शकल में सब सिरहाने लगे हैं
#सारस्वत
06022013
शुक्रवार, 1 सितंबर 2017
#
मिलना किसी रोज़ ...
मिलना तुम , ऐ जिंदगी फुर्सत के साथ में ।
देखना !!
क्यों नहीं मिलती , मोहलत जिम्मेदारी के साथ में ।।
प्यासे को पानी ...
खुद पीना पड़ता है , बस इतना समझ लो ।
निवाला !!
तलक नहीं जाता , खुद चल कर मूंह के पास में ।।
मिलते तो हैं ...
इस दुनियां के लोग , चाहे मतलब से मिलते हैं ।
वैसे !!
वक्त ही कहाँ मिलता है , यहाँ कभी वक्त के साथ में ।।
आसान तो यहाँ पर ...
कुछ भी नहीं है , जिंदगी जीने के वास्ते ।
जीतकर !!
हारा हूँ रोज़ , झूठसच की लड़ाई में बड़ाई के साथ में ।।
#सारस्वत
01092017
गुरुवार, 3 अगस्त 2017
चलो मान लिया हमने !!
#
चलो मान लिया हमने !!
मदहोशी हमारी झूठी थी , अरमान तुम्हारे सच्चे थे
बातें हमारी झूठा थी , बतियाना तुम्हारा सच्चा था
तू कहता है तो मान लिया !!
झूठा था ' पलकें उठा कर गिरा देना , शरमा जाना मेरा
तुम्हारा !! आँखों से सांसों तक आना जाना सब सच्चा था
बस इतना जान ले !!
वादा ऐ इश्क निभाने का , दावा ऐ इश्क करने वाले
बदनाम नहीं करते कभी , इश्क वाला लव करने वाले
तेरी चाहत सच्ची थी !!
चल मैं ही झूठी थी , बोल दिया प्यार नहीं किया तुझसे
तू बता मोहब्बत के दीवाने कैसा आशिक तू सच्चा था
#सारस्वत
03082017
चलो मान लिया हमने !!
मदहोशी हमारी झूठी थी , अरमान तुम्हारे सच्चे थे
बातें हमारी झूठा थी , बतियाना तुम्हारा सच्चा था
तू कहता है तो मान लिया !!
झूठा था ' पलकें उठा कर गिरा देना , शरमा जाना मेरा
तुम्हारा !! आँखों से सांसों तक आना जाना सब सच्चा था
बस इतना जान ले !!
वादा ऐ इश्क निभाने का , दावा ऐ इश्क करने वाले
बदनाम नहीं करते कभी , इश्क वाला लव करने वाले
तेरी चाहत सच्ची थी !!
चल मैं ही झूठी थी , बोल दिया प्यार नहीं किया तुझसे
तू बता मोहब्बत के दीवाने कैसा आशिक तू सच्चा था
#सारस्वत
03082017
रविवार, 16 जुलाई 2017
स्वम !! ... यहां पर
#
स्वम को अज्ञानी कहलाने को , कोई तैयार नहीं है यहांपर
मतलब !! ज्ञानी महाज्ञानी , सभी सिद्ध भरे पड़े हैं यहां पर
स्वम ...
अहंकारी अभिमानी , कभी तुम बोल कर तो देखो किसी को
स्वेच्छा से स्वीकारने को , कोई तैयार नहीं होगा यहां पर
स्वम ...
स्वाभिमानी बैठे हैं यहां , हर तरफ झूठ का आवरण लपेटे हुए
अपनी मेरी गिनती भी कर लो , कोई नहीं बचा है यहां पर
स्वम ...
वैसे तो , समझ की समझ को समझना ही समझदारी होता है
लेकिन , यह निर्णय कैसे होगा कौन मानुष कैसा है यहां पर
स्वम ...
#सारस्वत
16072017
मंगलवार, 11 जुलाई 2017
नमः शिवाय
#
आरंभ का प्रारम्भ हूँ मैं ,
अंत का प्राणान्त भी मैं ही हूँ
जीव का जीवन , जन्म से देह के देहान्तक मैं ही तो हूँ
नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय
धड़ भी मैं हूँ घड़ा भी हूँ मैं ,
धैर्य भी मैं हूँ धर्म भी हूँ मैं
कर्म से मन क्रम वचन तक , कल्याणक भी मैं ही तो हूँ
नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय
शक्ति हूँ भक्ति हूँ ,
आदि अनादि भगवंता भी मैं ही हूँ
सत्य हूँ प्रत्य भी हूँ मैं , कृत्य भी हूँ नृत्य भी मैं ही तो हूँ
नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय
देव नहीं महादेव हूँ मैं
काल कपाल महाकाल हूँ मैं ,
अंतक हितकारी भौ शम्भु स्वंभू शिव शम्भु मैं ही तो हूँ
नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय ... ॐ नमः शिवाय
#सारस्वत
11072017
शुक्रवार, 2 जून 2017
बिछुड़ कर अचानक से
#
बिछुड़ कर अचानक से , जब दो दिल मिला करते हैं
सिले हों लब तो भी , हाले दिल जान लिया करते हैं
बिछुड़ कर अचानक से , जब दो दिल ...
करीब होकर भी रहते हैं , अजनबी सी सूरतें लेकर
रस्मे अदाएगी के लिए , मुस्कुरा भर दिया करते हैं
बिछुड़ कर अचानक से , जब दो दिल ...
बाद मुद्दत के , मिल कर भी जो फिर मिल नहीं पाते
गाहे-बगाहे शिकायत निग़ाहों से कर दिया करते हैं
बिछुड़ कर अचानक से , जब दो दिल ...
कभी जो पूछ ही लिया कैसे हो , खुदगर्ज़ लब्जों ने
ठीक हूँ कह कर अक्सर , बात टाल दिया करते हैं
बिछुड़ कर अचानक से , जब दो दिल ...
धडकनें बोल उठती हैं 'और, लब सिल सिल जाते हैं
झुकी नज़रें उठकर झुकती हैं तो, सवाल हुआ करते हैं
बिछुड़ कर अचानक से , जब दो दिल ...
#सारस्वत
02062017
बुधवार, 31 मई 2017
मित्र की मित्रता
मित्रता में होता है घनिष्टता का पर्याय आत्मीयता
पूर्वाग्रह युक्त सम्भावनाओं के निमित्त मित्र नहीं होता
मित्र सखा यार साथी मीत सहचर संगी अनुरागी प्रीत
परस्पर व्यवहार से अपनत्व भरा भाव जाग्रत है होता
मित्रता की व्यवस्था में होती है सम्बन्धों में सघनता
मित्र की मित्रता में अनुबंद का कोई प्रबंदन नहीं होता
साहस स्वभाव का नाम ही मित्र प्रण प्राण धैर्य नाम है
मित्र की मित्रता में ध्रष्टता का कोई छंद बंद नहीं होता
पक्ष विकपक्ष का कोई भी अर्थ नहीं होता है मित्रता में
जो भी होता है ह्रदय तरंगो के समक्ष प्र्त्यक्क्ष है होता
दो-कड़ी की मैत्रीक माला होती है विश्वास का प्रतिज्ञापत्र
मित्र की मित्रता में आत्मबल का संयुक्ताक्षर है होता
#सारस्वत
31052017
सोमवार, 29 मई 2017
नव - संवैधानिक - भारत
#
ब्रह्मण को बौद्धिक ज्ञान प्रवीण बुद्धिमान बुद्धि-जीवी माना गया है भारत में
जागरूक समझदार विचारशील अक़्लमंद दानिशमंद जाना गया है भारत में
जाति-भेद स्तम्भों को धराशाई किया भी जा सकता था पाई आज़ादी के साथ
लेकिन,क्षुद्र स्वर्ण सा भेदभाव पुनर्स्थापित किया गया नवसंवैधानिक भारत में
आभाव के नाम पर बाँट-चोट इमदाद के नाम पर केवल बंदर-बाट किया गया
राजनीतीक संरक्षण में मानसिक विकलांगता को आरक्षण दे दिया भारत में
मेधावी चतुर तीक्ष्ण-बुद्धि ब्राह्मण कोई है भी या नहीं यह देखा ना जाना गया
ब्राह्मण का चौकस ब्राह्मण होना ही दोष पैदाइशी माना गया दूरंदेशी भारत में
मस्त-मलंगी जनता-भोली थाम चुरंगी भेट-चढ़ी स्वाधीनता की ड्योढ़ी पर
विशेष अनुभवी ठप्पेधारी आज़ादी के नेता-लोग षड्यंत्र रच गये भारत में
#सारस्वत
29052014
ब्रह्मण को बौद्धिक ज्ञान प्रवीण बुद्धिमान बुद्धि-जीवी माना गया है भारत में
जागरूक समझदार विचारशील अक़्लमंद दानिशमंद जाना गया है भारत में
जाति-भेद स्तम्भों को धराशाई किया भी जा सकता था पाई आज़ादी के साथ
लेकिन,क्षुद्र स्वर्ण सा भेदभाव पुनर्स्थापित किया गया नवसंवैधानिक भारत में
आभाव के नाम पर बाँट-चोट इमदाद के नाम पर केवल बंदर-बाट किया गया
राजनीतीक संरक्षण में मानसिक विकलांगता को आरक्षण दे दिया भारत में
मेधावी चतुर तीक्ष्ण-बुद्धि ब्राह्मण कोई है भी या नहीं यह देखा ना जाना गया
ब्राह्मण का चौकस ब्राह्मण होना ही दोष पैदाइशी माना गया दूरंदेशी भारत में
मस्त-मलंगी जनता-भोली थाम चुरंगी भेट-चढ़ी स्वाधीनता की ड्योढ़ी पर
विशेष अनुभवी ठप्पेधारी आज़ादी के नेता-लोग षड्यंत्र रच गये भारत में
#सारस्वत
29052014
रविवार, 7 मई 2017
ईमानदारी का राशनकार्ड
सच बोलने का हक़ सभी को है ...
सही पहचाने ...सच बोलने का हक़ सभी को है ...आप को भी है
एक चोर ने कल चोरी की ... यह बताने का हक़ दूसरे चोर को भी है
बात हक़ की है ... मुस्कुराइए नहीं ... यह हक़ आपको भी है
छोटे पैकिट ने बड़ा धमाका कुछ इस तरहा से कर दिया
युगपुरुष पर एक इलज़ाम उसने ईमानदार से धर दिया
हमने पूछा ... ज़नाब !!!... अब क्या हुआ
चोरो की इसी मंडली में ... कल तक तुम भी रहे हो
पहले क्या गुड खा रक्खा था ... जो चुप बैठे रहे हो
ज़नाब तपाक से बोले ........ बैठा रहा हूँ तो क्या
कोई जुर्म कर दिया है ... मोलभाव का हक़ तो आपको भी है
बात हक़ की है ... मुस्कुराइए नहीं ... यह हक़ आपको भी है
हमने भी दाग दिया फायर ... फोरन ब्रेकिंग न्यूज़ की ज़ानिब
अच्छा अच्छा ये बात है ... मांडवाली में गुजार दिए घंटे और दिन
अब आयेहो सच के पुजारी की मजार पर ... जब सब कुछ गया छिन
दुखती रग पर रख दिया हो जैसे हाथ ... ठंडी आह के साथ बोले
यकीन नहीं आएगा आपको , गुलाम की तरहा से इमानदार रहा हूँ
सट्टेसे लेकर सत्ता तक बटवारे से निपटारे तलक , चुप बैठा रहा हूँ
मोती ना सही कंकर सही , अर्जी पर्ची का चक्कर कुर्ती कुर्सी सही
कंबल ना सही मफ़रल सही , चप्पल भी नहीं थप्पड़ ही सही
हर शामयाने में साथ दिया है , धरने जलसे सबको पास किया है
दीयों की रौशनी को ... मोमबत्ती गैंग भीड़ में मिलकर बदला है
जंतर मंतर जादुटोनों को , पावर के टावर में साथ मिलकर बदला है
हवाला का व्यापार बदला है कारोबार में तो ... एसेही नहीं बदला है
मुनाफ़े की उम्मीद रखता था 'अगर, तो इसमें गलत क्या था
सच का अनुयाई हूँ .. ईमानदारी का राशनकार्ड मेरे पास भी है
बात हक़ की है ... मुस्कुराइए नहीं ... यह हक़ आपको भी है
#सारस्वत
07052017
सही पहचाने ...सच बोलने का हक़ सभी को है ...आप को भी है
एक चोर ने कल चोरी की ... यह बताने का हक़ दूसरे चोर को भी है
बात हक़ की है ... मुस्कुराइए नहीं ... यह हक़ आपको भी है
छोटे पैकिट ने बड़ा धमाका कुछ इस तरहा से कर दिया
युगपुरुष पर एक इलज़ाम उसने ईमानदार से धर दिया
हमने पूछा ... ज़नाब !!!... अब क्या हुआ
चोरो की इसी मंडली में ... कल तक तुम भी रहे हो
पहले क्या गुड खा रक्खा था ... जो चुप बैठे रहे हो
ज़नाब तपाक से बोले ........ बैठा रहा हूँ तो क्या
कोई जुर्म कर दिया है ... मोलभाव का हक़ तो आपको भी है
बात हक़ की है ... मुस्कुराइए नहीं ... यह हक़ आपको भी है
हमने भी दाग दिया फायर ... फोरन ब्रेकिंग न्यूज़ की ज़ानिब
अच्छा अच्छा ये बात है ... मांडवाली में गुजार दिए घंटे और दिन
अब आयेहो सच के पुजारी की मजार पर ... जब सब कुछ गया छिन
दुखती रग पर रख दिया हो जैसे हाथ ... ठंडी आह के साथ बोले
यकीन नहीं आएगा आपको , गुलाम की तरहा से इमानदार रहा हूँ
सट्टेसे लेकर सत्ता तक बटवारे से निपटारे तलक , चुप बैठा रहा हूँ
मोती ना सही कंकर सही , अर्जी पर्ची का चक्कर कुर्ती कुर्सी सही
कंबल ना सही मफ़रल सही , चप्पल भी नहीं थप्पड़ ही सही
हर शामयाने में साथ दिया है , धरने जलसे सबको पास किया है
दीयों की रौशनी को ... मोमबत्ती गैंग भीड़ में मिलकर बदला है
जंतर मंतर जादुटोनों को , पावर के टावर में साथ मिलकर बदला है
हवाला का व्यापार बदला है कारोबार में तो ... एसेही नहीं बदला है
मुनाफ़े की उम्मीद रखता था 'अगर, तो इसमें गलत क्या था
सच का अनुयाई हूँ .. ईमानदारी का राशनकार्ड मेरे पास भी है
बात हक़ की है ... मुस्कुराइए नहीं ... यह हक़ आपको भी है
#सारस्वत
07052017
सोमवार, 6 फ़रवरी 2017
तुम मेरे हो
#
पहली नज़र जिसके घायल है हम ' वो , पहली हसी जिस पे मर गये हम
जिसका ज़िकर मगरूर दिल ने किया ... वही ..वही ..वही ... वही ... तुम मेरे हो
तुम मेरे हो ......... तुम ही तुम मेरे हो , वही .........तुम .... मेरे हो
वो दिलकश नज़ारा नहीं भूलता , हुआ जब दीवाना मैं पहली दफा
जबसे देखा तुम्हें है दिल कह रहा ... या..या..या..रा ... तुम मेरे हो
तुम मेरे हो ......... तुम ही तुम मेरे हो , वही .........तुम .... मेरे हो
करता हूँ मैं रोज़ ... पीछा तेरा ... मुकम्मल मुलाकात होती नहीं
सिलजाते हैं लब तुमको देखकर ... कभी कोई बात अपनी होती नहीं
अरमां था कल तक मिलने का ,
घर अब बसाने की चाहत है
चाहत से ज्यादा खवाइश नहीं , खवाइश से बढ़कर कुछ भी नहीं
जिसके लिये दिल में अरमाँ जगे ....... वही .. वही .. वही .. वही... तुम मेरे हो
तुम मेरे हो ......... तुम ही तुम मेरे हो , वही .........तुम .... मेरे हो
*
मैं आधा अधुरा सा अल्फाज़ था , तुमसे जुड़ा तो गज़ल बन गया
हँसना तेरा वो पलटना तेरा , नज़र की नज़र का शगल बन गया
बचकर निकलता था जो रास्ते
निकलने लगा हूँ उसी राह से
मुझ मे बसी ... तू ,तुझमे हू ... मै , जन्मों जनम का नाता है ये
करता है दिल बातें अक्सर जिसकी ... वही .. वही .. वही .. वही ... तुम मेरे हो
तुम मेरे हो ......... तुम ही तुम मेरे हो , वही .........तुम .... मेरे हो
#सारस्वत
06022017
बुधवार, 1 फ़रवरी 2017
वसंतपंचमी की हार्दिक शुभकामनाये
#
शब्द सर्ग है मर्म है बंध है
शब्द चिरंजीवी सत्य ब्रह्म है
शब्द चंचल है उच्छल है कम्पन है
शब्द चन्दन है वन्दन है स्पंदन है
शब्द वायु है चिरायु है वेग है तेग है
शब्द शुभाशीष है अनमोल नेग है
शब्द प्रभात है प्रभास है प्रताप है
शब्द अजल है सजल है सरिता है
शब्द उज्ज्वल है उजाला है कविता है
शब्द अर्पण समर्पण का तर्पण है
शब्द मुंडन है मण्डन है खण्डन है
शब्द चल है छल है चाल है
शब्द बल है दल है वाचाल है
शब्द में नेह से स्नेह का सम्बन्ध है
शब्द में अक्षर अक्षर का प्रबन्ध है
शब्द ज्ञान है ध्यान है विज्ञानं है
शब्द आन है तान है प्रमाण है
शब्द शिव है शक्ति है भक्ति है
शब्द स्वर है नाद है मुक्ति है
शब्द घट है घटना है घाट है
शब्द घात प्रतिघात है आघात है
शब्द से निकला शब्द सम्वाद है
शब्द तन्त्र है मन्त्र है स्वतंत्र है
शब्द पार्थ है पात्र है शास्त्र है शस्त्र है प्रचण्ड है
शब्द का कोई काटय तो शब्द वो घमण्ड है
#सारस्वत
01022017
शनिवार, 28 जनवरी 2017
तुम याद आये ...
#
जब भी तन्हाई को चाहा ... तुम याद आये
कदम जिसभी तरफ बढ़ाया , तुम याद आये
सुने दिल की ख़ातिर ... सुनेपन में
गुनगुनाना कुछ भी चाहा , तुम याद आये
*
तुमने भुला दिया होगा , अक्सर सोचता हूँ
हमने जब भी भुलाया ... तुम याद आये
सारे वादे तेरे , हर एक इरादे की कसम
हमने ऐसे निभाया के , तुम याद आये
*
इश्क करते हुए 'इश्क, ने सोचा ना कभी
दिल के हाथों यूँ लूटा , के तुम याद आये
अब छुपाता हूँ , कभी खुद से 'कभी, तुझसे
है धूप के बाद का सफर औ' तुम याद आये
*
जब भी आये चलके , छलके मचलके आंसूं
धड़कना भूल गई धड़कने , तुम याद आये
मेरे घर का 'पता, मुझ को भी ... तो बता दो
रहता हूँ जिस गैर के दिल में , तुम याद आये
#सारस्वत
28012017
जब भी तन्हाई को चाहा ... तुम याद आये
कदम जिसभी तरफ बढ़ाया , तुम याद आये
सुने दिल की ख़ातिर ... सुनेपन में
गुनगुनाना कुछ भी चाहा , तुम याद आये
*
तुमने भुला दिया होगा , अक्सर सोचता हूँ
हमने जब भी भुलाया ... तुम याद आये
सारे वादे तेरे , हर एक इरादे की कसम
हमने ऐसे निभाया के , तुम याद आये
*
इश्क करते हुए 'इश्क, ने सोचा ना कभी
दिल के हाथों यूँ लूटा , के तुम याद आये
अब छुपाता हूँ , कभी खुद से 'कभी, तुझसे
है धूप के बाद का सफर औ' तुम याद आये
*
जब भी आये चलके , छलके मचलके आंसूं
धड़कना भूल गई धड़कने , तुम याद आये
मेरे घर का 'पता, मुझ को भी ... तो बता दो
रहता हूँ जिस गैर के दिल में , तुम याद आये
#सारस्वत
28012017
सोमवार, 9 जनवरी 2017
घबराया ना करो
#
बिठाकर पास हौसले को ...
एकरोज़ समझाया मैंने
जद्दोज़हद का नाम जिंदगी है ..
घबराया ना करो
डर से बड़ा डरावना है ...
डर के साथ डरकर जीना
हिम्मत के साथ दौस्ती करो ...
घबराया ना करो
शंका की आशंका में होता है ...
दहशत का बसेरा
रौशन पर्चियों से घर भर दो ,,,
घबराया ना करो
हाल कितने भी बुरे हो ...
हालात से लड़ा करते हैं
जीतने की इच्छा रखते हो तो ...
घबराया ना करो
मुश्किलों में कहता है मुझसे ...
अब हौसला मेरा
कठनाइयों में ' तेरे साथ हूँ मैं ,
घबराया ना करो
#सारस्वत
10012017
बिठाकर पास हौसले को ...
एकरोज़ समझाया मैंने
जद्दोज़हद का नाम जिंदगी है ..
घबराया ना करो
डर से बड़ा डरावना है ...
डर के साथ डरकर जीना
हिम्मत के साथ दौस्ती करो ...
घबराया ना करो
शंका की आशंका में होता है ...
दहशत का बसेरा
रौशन पर्चियों से घर भर दो ,,,
घबराया ना करो
हाल कितने भी बुरे हो ...
हालात से लड़ा करते हैं
जीतने की इच्छा रखते हो तो ...
घबराया ना करो
मुश्किलों में कहता है मुझसे ...
अब हौसला मेरा
कठनाइयों में ' तेरे साथ हूँ मैं ,
घबराया ना करो
#सारस्वत
10012017
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