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जब भी तन्हाई को चाहा ... तुम याद आये
कदम जिसभी तरफ बढ़ाया , तुम याद आये
सुने दिल की ख़ातिर ... सुनेपन में
गुनगुनाना कुछ भी चाहा , तुम याद आये
*
तुमने भुला दिया होगा , अक्सर सोचता हूँ
हमने जब भी भुलाया ... तुम याद आये
सारे वादे तेरे , हर एक इरादे की कसम
हमने ऐसे निभाया के , तुम याद आये
*
इश्क करते हुए 'इश्क, ने सोचा ना कभी
दिल के हाथों यूँ लूटा , के तुम याद आये
अब छुपाता हूँ , कभी खुद से 'कभी, तुझसे
है धूप के बाद का सफर औ' तुम याद आये
*
जब भी आये चलके , छलके मचलके आंसूं
धड़कना भूल गई धड़कने , तुम याद आये
मेरे घर का 'पता, मुझ को भी ... तो बता दो
रहता हूँ जिस गैर के दिल में , तुम याद आये
#सारस्वत
28012017
जब भी तन्हाई को चाहा ... तुम याद आये
कदम जिसभी तरफ बढ़ाया , तुम याद आये
सुने दिल की ख़ातिर ... सुनेपन में
गुनगुनाना कुछ भी चाहा , तुम याद आये
*
तुमने भुला दिया होगा , अक्सर सोचता हूँ
हमने जब भी भुलाया ... तुम याद आये
सारे वादे तेरे , हर एक इरादे की कसम
हमने ऐसे निभाया के , तुम याद आये
*
इश्क करते हुए 'इश्क, ने सोचा ना कभी
दिल के हाथों यूँ लूटा , के तुम याद आये
अब छुपाता हूँ , कभी खुद से 'कभी, तुझसे
है धूप के बाद का सफर औ' तुम याद आये
*
जब भी आये चलके , छलके मचलके आंसूं
धड़कना भूल गई धड़कने , तुम याद आये
मेरे घर का 'पता, मुझ को भी ... तो बता दो
रहता हूँ जिस गैर के दिल में , तुम याद आये
#सारस्वत
28012017
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