शनिवार, 9 सितंबर 2017

नज़र ...

#
नज़र ने नज़र से नज़र को जो मारा 
दिल ही दिल में दिल देके दिल हारा 

हटी भी ना थी नज़र हवा में घुल गया 
बन कर खुशबु फ़िज़ा में इश्क बेचारा 

नज़र ना आये तो धड़कता है ये दिल 
जब आया नज़र में धड़कनों ने मारा 

इश्क में आशिक ने इश्के ईबादत में   
मांगी इतनी सी दुआ हो मिलना दोबारा

ख़ैर की खबर नहीं तो सुकून भी नहीं   
नज़र से मिले नज़र तो बदला नज़ारा  
#सारस्वत 
10092015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें