बुधवार, 23 अक्तूबर 2013

वक्त को गुजर जाने दो

वक्त को गुजर जाने दो 

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बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो
समय रोशन फिजा को हो जाने दो










साथ हवाओं के समय चल रहा है
समय बहती नदीयों सा बह रहा है
मुझको किरणों संग बह  जाने दो
बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो

वक्त का काफ़िला दबे पाँव चल रहा
रास्तों को मंज़िल का पता दे रहा है
ठहरो दिल को जरा होश में आने दो
बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो

हर गली मोड़ पे है करिश्मा गज़ब का
महफ़िलों के आँगन का रंग अज़ब का
प्यासे होटों को फिर से तर हो जाने दो
बह जाने दो वक्त को गुजर जाने दो
#सारस्वत
23102013 

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