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गुज़र रहा है समां हर रोज़ की तरहा
साथ है आज भी तू याद की तरहा
सफ़र में सफ़र का पता नहीं चलता
असर है तेरा ये तेरी बात की तरहा
ख्यालों में इस कदर घिरा रहता हूँ
सवाली मैं चेहरा तेरा ख्वाब की तरहा
ख्वाइशें ज़िंदा हैं तो ज़िंदा हूँ मैं भी
आँखों में बस्ता है तू नूर की तरहा
#सारस्वत
04022016
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