मंगलवार, 3 अगस्त 2021

सॉरी ... स्टोरी स्क्रीनप्ले .

( यस अपने it ऑफिस में काम करता है , पुजा से शादी हुए 2 साल हो गए हैं , आज उनकी मैरिज एनिवर्सरी है , पूजा के पास फोन आ रहे हैं , वह उन्हें अटेंड करते हुए केक को टेबल पर सज़ा रही है ... फ्री होने के बाद 
पुजा - यश को फोन करती है ) 

पुजा (फ्रेश मूड में मुस्कुराते हुए ) :- उठाओ उठाओ फोन उठाओ यश , किधर बिज़ी हो यार ... देखो मैंने यहां सब तैयारी कर ली हैं , अब बस तुम फोन को उठाकर बता दो , कितनी देर में आ रहे हो ... 

(यश अपने काम में बिजी है , फोन की बेल बजती है , 
मगर साइलेंट मोड़ की वजह से उसे पता नहीं लगता ) 

... उधर पूजा फोन दूसरी बार तीसरी बार बारबार फोन करती है , अब पुजा का मूड खुशी से नाराजगी की तरफ मुड़ने लगता है ... और यश के फोन का कोई जवाब ना देने पर ... पुजा गुस्से में केक के साथ फोन को भी तोड़ देती है ... और रोने लगती है ... 

( यश देर रात कार ड्राइव करके आता हुआ है , 
पुजा, यश को बालकोनी से देखकर मेनगेट का लॉक खोल देती है , जैसे ही यश घर में एंट्री करता है पुजा खुद बैडरूम का दरवाजा अंदर से बंद करके सोने के लिए लेट जाती है ... 

यश लॉबी में आता है तो ... 
केक बिखरा हुआ देखता है तो उसको एनिवर्सरी याद आती ... तो उसको खुद के ऊपर गुस्सा आता है .. 
बैडरूम के दरवाजे की तरफ जाता है ... और पुजा को एक्सक्यूज़ देता है )

यश :-  सॉरी यार , वर्कलोड की वजह से भूल गया ... प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ ... 
दरवाज़ा खोलो पुजा .... 
पुजा मुझे मालूम है तुम सोई नहीं हो ... 
माफी मांग तो रहा हूँ ... 
(हमका माफी देईदो हम से भूल हो गई ... 
(बड़बड़ाता है ) नहीं ... 
ओह शीट ... (फिर से दरवाज़े की तरफ पलट कर ) 
 मतलब आज ड्राइंगरूम में सोना पड़ेगा ... 
यू आर माई डार्लिंग तुम हो मेरी जान ... 
दरवाज़ा खोलो ना यार .... 

( मगर पुजा कोई जवाब नहीं देती केवल रोती रहती है ) 
... तब यश वापस लौटकर कपड़े बदलता है .. फिर केक से खराब हुए फर्श को साफ करता है ...
 ( जब से हुई है शादी आंसू बहा रहा हूं ... 
आफत गले पड़ी है ... ) 
मोबाइल को उठता है ... बैटरी लगाकर ऑन करता है तो वह ऑन हो जाता है , यश उसे टेबल पर रख देता है ... फ्रीज़ से पानी की बोतल निकाल कर सोने के लिए सोफे की तरफ चला जाता है )
अगले दिन सुबह यश उठता है बेडरूम के दरवाजे की 
तरफ देखता है , वह अभी भी बंद है , यश तैयार होता है फिर दरवाजे के पास जाकर ) 

यश :- रात के लिए सॉरी यार ... लेकिन आज आज मैं  जल्दी आऊंगा शाम को ...  ok .. अभी तो मैं ..निकल रहा हूँ ... तुम तैयार रहना ... (कैमरा अंदर कमरे में पुजा सो रही है ) ...डिनर बाहर ही करेंगे  अच्छा तो अभी निकल रहा हूँ ... शाम को मिलते हैं बाय !!! 

और यश ऑफिस निकल जाता है ... यश के जाने के बाद पुजा दरवाजे को खोलती है उसे यश दिखाई नहीं देता ... तो  उसको हैरानी होती है ) 

यश का ऑफिस में आज मन नहीं लग रहा है ... यश  पुजा की नाराज़गी को डायलूट करने के उपाय सोचता है मगर उसे कुछ समझ नहीं आता .. और आखिर में वह घर की तरफ निकल जाता है ... 

डोरबेल बजती है ... पुजा दरवाज़ा खोलती है तो देखती है...  
सामने यश बुका लेकर खड़ा हुआ मुस्कुरा रहा है ... 
यश ;- सॉरी !! 
पुजा यश को दरवाजे पर ही छोड़कर अंदर आने लगती है तो यश आगे आकर पुजा का रास्ता रोककर बुका पेश करता है और कल के लिये सोरी बोलता है ... पुजा का गुस्सा फूट पड़ता है और वह यश के हाथ से बुका छीन कर फेंक देती है... 
पुजा :- यश तुम्हें लगता है ... इन फ्लावर्स को देखकर मैं मान जाऊंगी ..  तुमने मेरा कल ... मैंने पता नहीं क्या कुछ सोच रक्खा था ... मगर तुम्हें तो हमारी शादी की तारीख तक याद नहीं थी ... एक . मैं ही बेवकूफ पागल हूं जो ... जो .. नहीं नहीं ...अब इस ड्रामे की कोई जरूरत नहीं है ... अब मैं अच्छे से समझ गई हूं तुम्हें ... तुम्हारी नज़र में मेरी कोई वेल्ल्यु नहीं है   तुम्हें मेरी कोई परवाह नहीं है ... मेरी तो किस्मत फूटी थी जो तुमसे शादी की मैने .... 

( पूजा के जो दिलमें आता है सुनाती है , यश सॉरी सॉरी करता रहता है ... 
तभी पुजा के फोन की बैल बजती है तो यश को वहीं छोड़कर अंदर चली जाती है ... ) 
पुजा फोन देखती है तो हैरान हो जाती है यश की तरफ देखने की कोशिश करती है (क्योंकि फोन यश के मोबाइल से आया था ... ) पुजा फोन ऑन करती है तो दूसरी तरफ से अनजान आवाज़ आती है ... ) 
इंस्पेक्टर :- हैलो !!! मैं गुड़गांव पुलिस स्टेशन से इंस्पेक्टर (इंद्रपाल) मलिक बोल रहा हूँ ... क्या मेरी बात यश भारद्वाज के परिवार के मेंबर से हो रही है 
पुजा :- जी हां मैं यश की वाइफ हुं ... एनी प्रोब्लम ... 
इंस्पेक्टर मलिक :- आपको फोन करने के लिए मै क्षमा चाहता हूं ... दरसल यहां एक एक्सीडेंट हुआ है ... जिसमें आदमी की डेथ हो गई है ... उसकी जेब से वायलेट और मोबाइल मिला है ... मोबाइल में यह नम्बर होम के नाम से सेव है ... तो मैम आपको बॉडी को पहचान के लिए यहां आना पड़ेगा ... क्या आप अभी सिविल अस्पताल आ सकती है ... 
पुजा :-  क्या ...  (हैरानी के साथ बड़बड़ाती है ) लेकिन ... मेरे पति तो यहां मेरे साथ में ... 
इंस्पेक्टर मलिक :- सॉरी मेडम .. यह घटना दो घण्टे पहले की है ... जब वह मेट्रो स्टेशन से बाहर निकल रहे थे ... 
पुजा फोन को छोड़कर ड्राइंगरूम की तरफ भागती है तो पुजा को ड्राइंगरूम में यश दिखाई नहीं देता ... 
पुजा दरवाजे की तरफ देखती है ... 
वह अभी भी बंद है .. 
अब पुजा को इंस्पेक्टर की फोन पर की हुई बात कानों में गूंजने लगती है ... 
****
अब पुजा को यश के साथ गुजारे लम्हें याद आने लगते हैं ... 1, 2, 3 , 4 ,5 .... 
पुजा को याद आता है .. 
एक बार यश पुजा की गोद में लेटा हुआ पुजा को छेड़ रहा था , पुजा मोबाइल पर स्टेटस देख रही थी .... तभी एक वालपेपर को देखकर पुजा बोली ... 
पुजा :- यश (हूं) देखो ना ये वायरल स्टेटस में क्या लिखा है ... 
यश (पुजा को छेड़ते हुए) :- क्या लिखा है ... 
पुजा :- इसमें लिखा है ... मरने के बाद इंसान एक बार उससे मिलने जरूर जाता है जिसकी वह सच्चा प्यार करता है ... 
यश :- अच्छा !!! ऐसा लिखा है ... 
पुजा:-  हां इसमें तो यही लिखा है  ... 
यश :- तो ठीक है ... मरने के बाद मैं भी तुमसे मिलने आऊंगा (हसने लगता है ... ) 
पुजा :-  (यश के होंटो पर उंगली रख देती है )... ऐसे नहीं कहते यश ... 
यश :- (पुजा की उंगली हटा कर ) अब कुछ नहीं हो सकता पूजा ... अब तो हमने अपनी मोहब्बत से वादा कर लिया है ... (और पुजा को बाहों में भर लेता है और धीमी आवाज़ में .. ) 
बिल्कुल भी डरना नहीं है ... तब मै तुम्हें प्यार करूगा  इस तरहा से ... (नहीं) ... इस तरहा से ... ( नहीं ) हां ऐसे भी ... (नहीं ) ... 
*** 
यकीन होने लगता है ... (पुजा के चारो तरफ को कैमरा घुमता है ) 
पुजा घर में बने मंदिर के सामने जाकर बैठ जाती है  
रोते हुए भगवान के सामने यश की जिंदगी की भीख मांगने लगती है ... फिर अपनी नाराजगी की माफ़ी मांगती है ... ओर अंत मे भगवान से विनती करती है के एक बार बस एक बार मुझे यश से मिला दो ... और रोने लगती है ... 

*** 
तभी बाथरूम का दरवाजा खुलता है ... 
उसमें से यश बाहर निकलता है ... 
दोनों की नजरें मिलती हैं ... 
यश को जिंदा देख कर पुजा ... 
दौड़कर यश से लिपट जाती है ... 
और रोते हुए पुजा बड़बड़ाने लगती है ... 

पुजा :- कहां चले गए थे ... 
यश :- अरे मैं तो बाथरूम गया था 
पुजा :- मेरी तो जान निकल गई थी ... 
यश :- क्यों ?? क्या हुआ तुम्हें ... 
पुजा :- कुछ नहीं बस !!!  ..  तुम नाराज़ तो नहीं हो 
यश :- नाराज़ और मैं ... मैडम जी क्या बोल रही हो 
पुजा :- अब मैं कभी नाराज़ नहीं होउंगी ... कभी नहीं 
...  वादा करो कभी मुझे छोड़कर नहीं जाओगे ... 
(औऱ यश को कस कर हग पुजा करके लिपट जाती है ... दोनों थोड़ी देर लिपटे रहते हैं ... फिर ... )
यश :- पुजा ...  (हूं) ... 
यश :- आज एक नुकसान हो गया ...  (अच्छा) 
यश :- पुछिगी नहीं क्या ... (क्या ) 
यश :- जहां मैंने तुम्हारे लिए बुका खरीदा ... (हां ) ... 
यश :- वहां किसी ने मेरा मोबाइल और वायलेट चुरा लिया ... 
पुजा :- मुझे मालूम है ... (कोई बात नहीं औऱ आ जाएंगे ... ) 
यश :- तुम्हें मालूम है ... (हां) 
और क्या मालूम है ... (कुछ नही ) 
फिर भी ... (कुछ नही ) 
नाराज़ हो ..( नहीं )
कुछ तो ...( नहीं) 
थोड़ा सा ... ( नहीं )
सच्ची ... (सच्ची ) 
धीरे धीरे ... स्क्रीन डार्क हो जाती है 
#सारस्वत    

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