#
छुपा है चाँद तो नजर आ ही जायेगा
आखिर कब तलक वो दूर रैह पायेगा
छुपा है चाँद तो
मर के भी ज़िंदा रहे वही वही वही इश्क
ज़िंदा रैहने को झोली फैला के आएगा
प्यार के आसमान में बिखरी है खुशबु
इस कैद से बच के अब ना रैह पायेगा
छुपा है चाँद तो
गरूर ऐ इश्क बाज़ार में बिकता नहीं
फासला कितना भी हो लौट के आएगा
यादे समंदर में डुबकियां ना लगा ऐसे
दिल का दरवाजा सुबकता रैह जायेगा
छुपा है चाँद तो
सजाया है सांसों में बंदगी की तरहा से
जिंदगी की सजा से वो बच ना पायेगा
पैमाने से भरी दोनों आँखों की कसम
ज़माना देखकर मंज़र हैरत ही पायेगा
छुपा है चाँद तो
#सारस्वत
04122013
छुपा है चाँद तो नजर आ ही जायेगा
आखिर कब तलक वो दूर रैह पायेगा
छुपा है चाँद तो
मर के भी ज़िंदा रहे वही वही वही इश्क
ज़िंदा रैहने को झोली फैला के आएगा
प्यार के आसमान में बिखरी है खुशबु
इस कैद से बच के अब ना रैह पायेगा
छुपा है चाँद तो
गरूर ऐ इश्क बाज़ार में बिकता नहीं
फासला कितना भी हो लौट के आएगा
यादे समंदर में डुबकियां ना लगा ऐसे
दिल का दरवाजा सुबकता रैह जायेगा
छुपा है चाँद तो
सजाया है सांसों में बंदगी की तरहा से
जिंदगी की सजा से वो बच ना पायेगा
पैमाने से भरी दोनों आँखों की कसम
ज़माना देखकर मंज़र हैरत ही पायेगा
छुपा है चाँद तो
#सारस्वत
04122013
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें