बुधवार, 3 दिसंबर 2014

वो भोपाल गैस त्रासदी की रात

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वो दो और तीन दिसंबर की रात 
वो भोपाल गैस त्रासदी की रात 
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वो मौत के ताण्डव की रात 
वो यूनियन कार्बाइड की रात 
कितनी भयानक 
कितनी दर्दनाक 
वो हैवान के अट्टाहस की रात 
वो शैतान की साज़िश की रात 
जब शमशान हुआ शहर 
उघडा कबिस्तान का क़हर 
वो आधुनिक तरक़्क़ी की रात 
वो औद्योगिक त्रासदी की रात 
जो सोये उस रात 
और सोये रैह गए 
जब मौत आई दबे पांव और 
लील गई जीवन वो काली रात 

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हे परमपितापरमेश्वर 
तृप्त अतृप्त 
आत्माओं के ईश्वर 
अगर सुन रहा है तू आज कि रात 
उन मासूम आत्माओं को शांति दो 
आज कि रात 
‪#‎सारस्वत‬ 
02122013

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