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अपने आप से मिलता नहीं हूँ , मैं आईने के भी सामने
पता नहीं कब किस बात पर , शर्मिंदा कर दे ये मुझे
बातें होती नहीं मेरी खुद से , अब अपने आप से कभी
मशवरे फ़ालतू के आज कल , अच्छे नहीं लगते मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
किसकी फ़िक्र करूँ बता , खुद की या तेरी नाराजगी की
तूने ही तो सिखाया था कल , मतलब का मतलब मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
नई रौशनी लेकर चलता हूँ , अब साया नजर नहीं आता
यही इलाज था इसका , हर वक़्त टोकता था ये मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
बेशर्मी का राज क़ायम है , अब सल्तनत ऐ ज़मीर पर
हाँ हाँ ' कर ले मुलाकात ईमान , आकर डरा ले अब मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
#सारस्वत
अपने आप से मिलता नहीं हूँ , मैं आईने के भी सामने
पता नहीं कब किस बात पर , शर्मिंदा कर दे ये मुझे
बातें होती नहीं मेरी खुद से , अब अपने आप से कभी
मशवरे फ़ालतू के आज कल , अच्छे नहीं लगते मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
किसकी फ़िक्र करूँ बता , खुद की या तेरी नाराजगी की
तूने ही तो सिखाया था कल , मतलब का मतलब मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
नई रौशनी लेकर चलता हूँ , अब साया नजर नहीं आता
यही इलाज था इसका , हर वक़्त टोकता था ये मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
बेशर्मी का राज क़ायम है , अब सल्तनत ऐ ज़मीर पर
हाँ हाँ ' कर ले मुलाकात ईमान , आकर डरा ले अब मुझे
पता नहीं कब किस बात पर ....
#सारस्वत
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