शनिवार, 2 नवंबर 2013

आओ सब मिल कर दीप जलाये

आओ सब मिल कर दीप जलाये 









#
आओ सब मिल कर दीप जलाये
मन से अंधियारों को दूर भगाये
ह्रदय आनंदित दीपावली मनाये
आओ सब मिल कर ..
हवाओं से कह दो होसले से आये
खुश्बू फ़िज़ा की प्यार बन के जाये
आओ मोहब्बत का दीप जलाये
आओ सब मिल कर ..
पलकों से कह दो वो मुस्कुराये
अधरों से कह दो वो गुनगुनायें
आओ अपनेपन का दीप जलाये
आओ सब मिल कर ..
बुझती उमंगे फिर से जगमगाये
मन के आँगन उजालों से नहाये
आओ अंतर्मन का दीप जलाये
आओ सब मिल कर ..
#सारस्वत
02112013 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें