जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी
शुक्रवार, 8 नवंबर 2013
दिल के हिस्से में
दिल के हिस्से में
#
दिल के हर एक हिस्से में अलग तस्वीर रखते हैं
लोग आशिकी भी करते हैं वक्त गुजारने के लिए
किस आंसु पे यकीन करूं मेरे लिए रोया होगा
लोग बहाने ढूंढ लेते हैं यहाँ वक्त गुजारने के लिए
#सारस्वत
08112013
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें