शुक्रवार, 14 मार्च 2014

"इश्क का धरना"

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इश्क नाम उस अराजकता का है
जिसका दावा है बदलाव आएगा
आहें भरते घर तक पीछा करना
ख़ुशफैहमी का समाजवाद लाएगा
हकीकत से रुबरु करेगा अगर कोई
दिल दीवाना धरने पर बैठ जायेगा
जात-पात का अड़ंगा मत लगाना
वरना ये मरने-मारने पे उतर आएगा
बेशर्मी का झंडा बुलन्दी को छुऐगा
तबेही कम्बख्त-इश्क कहलायेगा
धड़कनें फड़कती रहें दुआ करना
एक रोज़ इंकलाब जरुर आएगा
#सारस्वत
14032014

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