
जब तलक सांसे सांसों से सम्बद्ध
तब तक जीवन जीवन को उपलब्ध
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नाराजगी दिलों में अमरबेल सी
अहम के पतंगों से सुलगते शब्द
जब तलक सांसे ...
नजरिये से तंग बंद संकरी गलियाँ
रिस्ते हुऐ रिश्ते और मैं निशब्द
जब तलक सांसे ...
आये चलके आंसू पलकों से छलके
नाता टुटा नाभिखाता हुआ स्तब्ध
जब तलक सांसे ...
दीवारें दरारें अब कद को सवारेंगी
चलो निपटा लेते है किधर है प्रारब्ध
जब तलक सांसे ...
#सारस्वत
19102014
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