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उसने कहा दफ़ा
हो जाओ
,
जाओ अपने घर
जाओ ‘यहां,
कोई नहीं
है तुम्हारा
माँ बाप ने कहा
वापस जाओ
बियाह दिया तुमको
‘घर, अब वही
है तुम्हारा
कोख मेरी ना
सिंदूर मेरा
,
जमीं मेरी ना
आसमां मेरा
‘जहां, ये
कैसा है तुम्हारा
पैरों में बेड़ियाँ
समाज की
,
सर पर बोझ
ईज्जत का
‘यही, झूठ
सच है
तुम्हारा
लाये थे लाल जोड़ा
डालकर ,
फूँक दो कैरोसिन
डाल कर 'आख़िर, ये हक
है तुम्हारा
#सारस्वत
19012015
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