रविवार, 18 जनवरी 2015

डूबी देखि मैंने शाम [गीत]


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डूबी  … देखि  … मैंने शाम
डूबा देखा  … मैंने ज़ाम
डूब गया है  … आज  .. नाम भी
डूब गए हैं  … सब .. अरमान
डूबी  … देखि  …
छोडो भी  … जाने दो , लोगो को  … सोने दो
छोडो भी  … जाने दो , लोगो को  … सोने दो [ना]
ये जमीं आस्मां  … ये फ़िज़ा ये समां
ये नशा है कोई  … , कोई तो है ये नशा
क्या भला  … है  … ये इंसान
डूबी  … देखि  …
तू रुके  … मैं रुकूँ , तू हसे  … मैं हसूं
तू रुके  … मैं रुकूँ , तू हसे  … मैं हसूं [हाँ]
हमसफ़र की नज़र  …  चाहतों का सफ़र
ज़िन्दगी खेल है  खेलती है जिंदगी
आने  … को है  … फिर तूफ़ान
डूबी  … देखि  …
प्यार की … राहों में , यार की  … बाँहों में
प्यार की … राहों में , यार की  … बाँहों में
ख्वाइशों की डगर  … धड़कनों के नगर
साथ तेरे कौन है  … हर कोई मौन है
लूट गया  … दिल  … दे के जान
डूबी  … देखि  …
#सारस्वत
18101987 

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