बुधवार, 23 दिसंबर 2015

वक़्त ...

#
अमीर हो या ग़रीब वक़्त है सभी के लिए
राजा रंक कुछ नहीं वक़्त की नज़र के लिए

बदलना शौंक गिरगिट का फितरत के साथ में
वक़्त बदला ना बदलेगा कभी किसी के लिए

शतरंज की चाल नहीं चलता वक़्त कभी भी
वक्त तो आईना दिखाता है सम्भलने के लिए

वक़्त की मुट्ठी में बंद हरेक सवाल का ज़वाब
तेरे लिए कुछ मेरे लिए कुछ इतिहास के लिए

वक्त के पास लिखा रक्खा है सभी का हिसाब
फुर्सत किसे है लेकिन देखने समझने के लिए
#सारस्वत
22012014

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें