गुरुवार, 26 जून 2014

कौन है तू












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दिन नहीं ,
दिन का उजाला नहीं
रात क्या ,
रात का अँधेरा भी नहीं
लू नहीं , धुप नहीं ,
गम ख़ुशी की छाया भी नही
साथ चलता है ,
नजर आता भी नहीं
कौन है तू ,
तू तो मेरा साया भी नहीं
#
मैं ..
अपना हूँ पराया नहीं
तुने  ..
मुझे कमाया नहीं
मैं  ..
हवा नहीं पानी नहीं
समय नहीं , साया नहीं
जमीं नहीं , आसमां नहीं
जिस्म नहीं , काया नहीं
जिंदगी है तू ,
और मौत हूँ मैं ..
मुझ सा रिश्ता तो यहाँ ..
किसी ने निभाया भी नहीं
#सारस्वत
20072013



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