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तू ही आदि .. तू ही अन्नंत .. श्रष्टि के पालनहार ,
कण कण में .. तेरा डेरा बसेरा .. तू ही तारणहार ,
जल में,थल में .. नभ में पवन में .. तेरी महिमां अपरम्पार ,
ह्र्दय ज्योति में .. प्रकाश दीप में .. तेरा ही संचार ,
चरण शरण में .. ध्यान रहे सदा .. ऐसा दो उपहार ,
जीवन दाता .. भाग्य विधाता .. कर दो तुम उपकार ,
नत मस्तक .. शाष्टांग वन्दना .. प्रणाम करो स्वीकार
ज्ञान ध्यान .. रहे श्री चरणों में .. प्रसाद में देदो प्यार
#सारस्वत
26022014
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