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फ़सल की देखकर बर्बादी
चुल्ल्हे ठंडे पड़ गये थे
किसान ने आत्महत्या कर ली
लुट गए हम , सूदखोर बता रहे थे
धीरे धीरे भीड़ बढ़ रही थी
कैमरे सुर्खियां चमका रहे थे
मंच फूलों से सजा हुआ था
नेता जी क्रीज़बंद दमक रहे थे
मरने वाले की आत्मा को
शांति चैक दिया जा रहा था
पास में ही , गाँव के दूसरे छोर पर
बाकि बचे जिन्दा कर्जदारो को
नोटिस थमाया जा रहा था
#सारस्वत
01052015
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