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आँख खुली तो याद आया
रात में सपना कोई आया
दिन गुजारा शागिर्दी में
दिल की … बैठ कर
फिर जो तेरी याद आई
दिल धड़का … मुस्कुराया
सूरते-हाल बाज़ार का
सुकून ना दे सका जरा
जो था नज़र की नज़र
नज़र को नज़र नहीं आया
बंद पलकों में भी
छेड़ा तूने तराना प्यार का
हाँ !! अख़बार की सुर्ख़ियों में
अक़्स नक़्श तेरा लहराया
#सारस्वत
04102015
आँख खुली तो याद आया
रात में सपना कोई आया
दिन गुजारा शागिर्दी में
दिल की … बैठ कर
फिर जो तेरी याद आई
दिल धड़का … मुस्कुराया
सूरते-हाल बाज़ार का
सुकून ना दे सका जरा
जो था नज़र की नज़र
नज़र को नज़र नहीं आया
बंद पलकों में भी
छेड़ा तूने तराना प्यार का
हाँ !! अख़बार की सुर्ख़ियों में
अक़्स नक़्श तेरा लहराया
#सारस्वत
04102015
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