शुक्रवार, 2 मई 2014

ख्याल जरूरी है


















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गुजरे जब शाम शहर में , तो ख्याल जरूरी है
उतरे जब शाम ऐ असर , तो ख्याल जरूरी है

वक्त का लौट के आना , यादों की उधारी है
हो वक्त को वापस लाना , तो ख्याल जरूरी है

मौसम की हर एक बारिश , का हिसाब जरूरी है
जब लम्हे करे ये गुजारिश , तो ख्याल जरूरी है

हसरत को जिन्दा कर लो ,  गहरी सी खुमारी है
ख्वाइश की कमीं मकानों में , तो ख्याल जरूरी है

आखों में इश्क का काजल , दिल की बिमारी है
हो शामेगजल की महफ़िल , तो ख्याल जरूरी है

#सारस्वत
30042014

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