जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी
रविवार, 19 जनवरी 2014
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गलियों से गली खतम हो गई
दिलों से दिल्लगी खतम हो गई
घर में कैद हो कर रह गये लोग
चौपाल से जिंदगी ख़तम हो गई
#सारस्वत
19012014
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