जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी
गुरुवार, 23 जनवरी 2014
#
चिन्ता को ,
चिंता हो जाये कुछ इस तरह से जी
साँसों का ,
कर्जा उतर जाये कुछ इस तरह से जी
प्यार करना है तो ,
माँ बाप से कर ममता मिलेगी
जिस इज्जत ,
से आया उसी इज्जत से जाये
शान से ,
जीना है तो कुछ इस तरह से जी
#सारस्वत
24012014
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