गुरुवार, 9 जनवरी 2014

तेरे हर लव्ज़ को दर्द में डूबा देखा


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तेरे हर लव्ज़ को दर्द में डूबा हुआ देखा है
फिर भी हमने तुझ को हस्ता हुआ देखा है

अंदाज़े से चल रहा है जिंदगी का सफ़र
दूर तलक कोई कहीं आता नहीं नज़र
बस खामोशी तुझको हमने जी भर देखा है
फिर भी हमने तुझको ...

किस तरहा सजाऊं तुझे बुलाऊँ सपनों में
गुनगुनाहट है ख़ामोशी लिये वीरानों में
नींद के दरवाजे पे लगा पैहरा हमने देखा है
फिर भी हमने तुझको ...

समंदर से गैहरी तेरी ईन भीगी पलकों से
निकले अरमान कई जो बिखरे दोपल पलके
जब भी छलका काजल रंग सुनहरा देखा है
फिर भी हमने तुझको ...

अब भी बाकी हैं निशानियाँ वीरानियों की
रिस्ते एहसास टूटते छूटते आशियानों की
मासुम खुशियों को हमने फिसलते देखा है
फिर भी हमने तुझको ...

#सारस्वत
09012014

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